बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में कन्हैया कुमार के लिए जुटे लोग क्या वोट बटोर पाएंगे?
सीपीआई के प्रत्याशी कन्हैया कुमार ने मंगलवार को बेगूसराय संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। सड़कों पर उतरे लोगों का हुजूम इसका गवाह बना। जुलूस में शामिल लोगों ने डफली की धाप पर गगनचुम्बी नारे लगाए। बता दें कि नामांकन दाखिले के वक्त कन्हैया कुमार के समर्थन में देश भर से लोगों का अपार जनसमूह भी उमड़ा था।
कन्हैया कुमार के नामांकन में भाकपा, माकपा और माले के कई वरिष्ठ नेता जैसे अतुल अंजान, हन्नान मोल्लाह, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के अलावा गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद, फातिमा नफीस, गुरमेहर कौर, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड और जानीमानी अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी उपस्थित रहीं।
अब सवाल यह उठता है कि बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में बाहर से आये सामाजिक कार्यकर्ता और नेता कन्हैया कुमार के वोट में बढ़ोतरी कर पाएंगे। स्थानीय पत्रकार विपिन कुमार का कहना है कि कन्हैया कुमार के नामांकन में सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। इसमें युवा वर्ग का विशेष उत्साह देखा गया, लेकिन नामांकन की भीड़ को वोट में तब्दील कर नहीं देखा जा सकता।
नामांकन के बाद आयोजित सभा में कन्हैया कुमार को सुनने के लिए अच्छी भीड़ जुटी। बारिश में भींग कर कन्हैया के भाषण को सुनना इस बात की ओर इशारा करता है कि इस युवा नेता में लोगों की रूचि है। पत्रकार विपिन कुमार कहते हैं कि बाहर से जितने चर्चित लोग आए थे, उससे अन्य प्रत्याशियों की नींद खराब हो गई। लेकिन कन्हैया इसको कहां तक बनाए रखते हैं, ये देखना लाजिमी होगा।
दलित समुदाय के लोगों को कन्हैया के पक्ष में वोट देने के लिए जिग्नेश यहीं कैंप कर रहे हैं। रंगकर्मी अनिश अंकुर कहते हैं कि कन्हैया कुमार के नामांकन के बाद चुनावी रैली में सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रमुखता दी गई। ये सभी चेहरे गैर राजनीतिक हैं और इसको लेकर लोगों में अत्यधिक उत्साह दिखा।
आपको बता दें कि बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में लड़ाई अब त्रिकोणीय हो चुकी है। अब देखना यह होगा कि भाजपा से गिरिराज सिंह, राजद से तनवीर हसन और सीपीआई से कन्हैया कुमार में से कौन बाजी मारता है।
बेगूसराय के भाजपा जिला अध्यक्ष संजय कुमार सिंह अपनी पार्टी के जीत का दावा करते हैं। संजय कुमार सिंह कहते हैं कि वर्षों तक संघर्ष करने के बाद वामपंथ को बेगूसराय में जड़ से खत्म कर दिया गया है। ऐसे में अब बेगूसराय में वामपंथ दोबारा जड़ जमाएगी, इसकी कल्पना करना बेमीनी होगी। नामांकन के समय अपार भीड़ तो हमारे दल के प्रत्याशी के साथ भी थी, उस भीड़ का मुकाबला कन्हैया कुमार कहां से कर लेंगे।
वहीं राजद जिला अध्यक्ष अशोक कुमार यादव का कहना है कि हम भीड़ को नहीं हम जमीन को देखते हैं। भीड़ और जमीन दो चीजें होती हैं, यह जमीन हमारी है और जीत हमारी सुनिश्चित है। वहीं स्थानीय शिक्षिका अनुपमा का कहना है कि बाहरी लोगों की भीड़ का जनता पर कुछ खास असर नहीं पड़ने वाला है। चुनाव के आखिरी वक्त में मतदान का आधार धर्म और जाति ही बन जाएगा, ऐसा मेरा मानना है।