तेजस्वी यादव ने ऐसा क्यों कहा- कन्हैया कुमार से मेरी कोई तुलना नहीं!
आपको बता दें कि बिहार में महागठबंधन इस बार के लोकसभा चुनाव में 40 सीटों पर एनडीए को सीधी टक्कर दे रहा है। हांलाकि गठबंधन राजनीति के दबाव और व्यक्तित्वों के टकराव की वजह से बिहार के कई संसदीय क्षेत्रों में मुकाबला पेचीदा हो चुका है।
जहां तक बिहार की बात है सीपीआई-सीपीएम जैसे वामपंथी पार्टियों का महागठबंधन से बाहर रह जाना विपक्ष के लिए कुछ सीटों पर भारी पड़ सकता है। इसी क्रम में हम बात करने जा रहे हैं कि बिहार की बेगूसराय संसदीय क्षेत्र की जहां से कन्हैया कुमार ने बतौर सीपीआई उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया है।
भाजपा से गिरिराज सिंह, राजद के तनवीर हसन और सीपीआई के कन्हैया कुमार की दावेदारी के चलते बेगूसराय में मुकाबला अब त्रिकोणीय हो चुका है। इतना ही नहीं यह संसदीय क्षेत्र देश की हॉट सीट्स में शुमार हो गया है।
सियासी गलियारे में चर्चा है कि बेगूसराय से कन्हैया के जीतने से राजद नेतृत्व विशेषकर तेजस्वी यादव की चमक राष्ट्रीय फलक पर मंद पड़ जाएगी। इस सवाल पर तेजस्वी यादव कहते हैं कि अभी कन्हैया कुमार कौन से पद पर हैं। जब से वो जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं, तबसे वो वोकल हो गए हैं। मतलब यदि वो सांसद नहीं बनेंगे तो क्या समाप्त हो जाएंगे। यह बात समझने की जरूरत है। यह बात केवल विरोधी फैलाते हैं। क्या बाल ठाकरे कभी चुनाव लड़े थे, क्या कभी मुख्यमंत्री रहे थे बावजूद इसके महाराष्ट्र की राजनीति में उनका गहरा प्रभाव था।
हमारे देश मेें ऐसे कई नेता हुए हैं जो परदे के पीछे रहे और उनका ग़ज़ब का फॉलोविंग भी रहा है। केवल पद मिल जाने से कोई नेता नहीं हो जाता। जहां तक कन्हैया कुमार की बात है, उनसे मेरी कोई समानता नहीं है। मेरे और उनके काम करने में बहुत अंतर है।
बेगूसराय में कन्हैया कुमार को राजद की तरफ से समर्थन नहीं मिलने के मसले पर तेजस्वी यादव यह कहना नहीं भूलते हैं कि कन्हैया के नाम की घोषणा महागठबंधन में सब कुछ तय हो जाने के बाद हुई थी। चूंकि बेगूसराय सीट राजद की परंपरागत सीट रही है। यह क्षेत्र समाजवादियों का गढ़ रहा है। साल 2014 में मोदी लहर के बावजूद तनवीर हसन को क़रीब पौने चार लाख वोट मिले थे। तनवीर हसन बहुत कम वोटों से चुनाव हारे थे। इसके अलावा बेगूसराय में कार्यकर्ताओं का भी भारी दबाव था कि तनवीर हसन को पार्टी उम्मीदवार बनाए। चूंकि तनवीर हसन राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं, इसलिए उनमें हमें कोई कमी नजर नहीं आती।
तेजस्वी यादव कहते हैं कि हमारी पार्टी का एक ही मकसद है भाजपा को हराना। बेगूसराय से तनवीर हसन चुनाव जीतने जा रहे हैं। हम लोग राजद को जीताने और लालू जी को न्याय दिलाने के लिए एक पांव पर खड़े हैं।