उड़ीसा के इस शिव मंदिर में होने वाले चमत्कार को जानकर दंग रह जाएंगे आप!
भारत को यूं ही विश्व का अध्यात्मिक गुरू नहीं कहा जाता है। विभिन्न धर्मों और भक्ति से लबरेज इस देश में हजारों वर्षों की परंपरा में वैदिक, वैष्णव, शैव, शाक्त, नाथ, संत, स्मार्त आदि कई संप्रदायों के मठ, मंदिर, सिद्धपीठ, ज्योतिर्लिंग और गुफाएं निर्मित होती गईं। आपको बता दें कि हिंदू धर्म के विभिन्न पंथों में ध्यान, तप, भक्ति और क्रिया योग को महत्व दिया जाता रहा है।
इस दौरान हमारे देश में लाखों चमत्कारिक और सिद्ध संत हुए। हम यहां जानते हैं हिन्दुओं के ऐसे चमत्कारों के बारे में जिन्हें जानकर आप दंग रह जाएंगे। भारत में ऐसे कई मंदिर आज भी मौजूद हैं, जो अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां तक कि विज्ञान इन चमत्कारों के बारे में कुछ भी कहने में विफल रहता है। जो भक्त अपनी भक्ति और ईश्वर की पूजा में गहराई से उतरते हैं, वहीं लोग इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों को देखते हैं।
इसी क्रम में भारत में एक मंदिर है जिसके गर्भ गृह में होने वाले चमत्कार को सुनकर चौंक जाएंगे आप। इस मंदिर से प्रकृति का एक अद्वितीय चमत्कार जुड़ा हुआ है। मंदिर के मुख्य गर्भ का तापमान, और मंदिर के बाहर पूरी तरह से अलग हैं। ये एकदम सच है। तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक है और मंदिर के तापमान के अंदर इतनी ठंडी बनी रहती है कि पुजारी को कंबल और स्वेटर पहनने पड़ते हैं। सबसे महत्वपूर्ण और रोचक बात यह है कि मंदिर के अंदर कोई एयर कंडीशनर या एयर कूलर नहीं है। यहां तक कि छत पर पंखा भी नहीं है।
जी हां, भगवान शिव का यह मंदिर उड़ीसा में तित्तागढ़ में मौजूद है। इस मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियां हैं। मंदिर के पुजारी के मुताबिक, मंदिर के अंदर इतने ठंडे तापमान के पीछे भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियों से निकलने वाली ठंडी हवाएं होती हैं। खैर जो भी कारण हो, इस मंदिर में शिव भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।