देशभर में आज यानी 13 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है,बता दें कि विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए उपवास करती हैं
लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसी जगह भी है,इस जगह का नाम सुरीर है,जहां करवा चौथ के त्योहार को नहीं मनाया जाता है,इस गांव में महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं करती हैं,महिलाएं डरती हैं कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए,यहां करवा चौथ का त्योहार आते ही सन्नाटा पसर जाता है।

यहां करवाचौथ नहीं मनाने के पीछे एक कहानी है,स्थानीय लोगों के मुताबिक, करीब डेढ़ सौ साल पहले इस गांव में एक ब्राम्हण युवक अपनी पत्नी को ससुराल से विदा कराकर लौट रहा था, तभी कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया. इस दौर कुछ विवाद हुआ और युवक की हत्या कर दी गई,अपने पति की मौत के बाद नव विवाहित महिला ने यहां श्राप दिया कि अगर यहां कोई सुहागिन करवा चौथ का व्रत रखेगी, तो वह भी उसकी तरह विधवा हो जाएगी, जिसके बाद वह सती हो गई।

बताया जाता है कि इस घटना के बाद गांव में अनहोनी शुरू होने लग गई,यही नहीं, कई नव विवाहित महिलाएं विधवा हो गईं,ये सब देख गांव के बुजुर्गों ने भी इसे श्राप मान लिया,इसी लिए यहां ना तो महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं और ना ही शृंगार करती हैं,सिर्फ करवा चौथ का व्रत ही नहीं बल्कि महिलाएं यहां अहोई अष्टमी का व्रत भी नहीं करती हैं।

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