बसंत पंचमी में इस विधि से करें मां सरस्वती की पूजा, जानिए पूजा का महत्व
शरद ऋतु की विदाई और वसन्त ऋतु के आगमन पर वसन्त पंचमी मनाई जाती है। 29 जनवरी यानि कल बुधवार के दिन बसंत पंचमी का त्यौहार पूरे भारत वश में धूमधाम से मनाया जाएगा। खासतौर पर हिंदू धर्म में इसका खास महत्व है। सभी स्कूल, दफ्तर और घरों में पूरे विधि-विधान के साथ मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
इस दिन विद्या व वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा व आराधना की जाती है। इस दिन सफेद, पीले व वासन्ती रंग के कपड़े पहनकर सरस्वती पूजन करने का विधान है। मां सरस्वती की पूजा करने से मन शान्त होता है व वाणी में गजब का निखार आता है।
सुबह पूजा करने से पहले मंदिर की अच्छे से साफ-साफई की होनी चाहिए। पुराने सूखे फूल, फूलों की माला, अगरबत्ती का बूरा या फिर कुछ और पूजा स्थल पर नहीं पड़ा होना चाहिए। इसके साथ ही मां सरस्वती को लड्डू, खीर व केसरिया चावल का भोग लगाया जाता है। धूप, दीप, फल-फूल इत्यिादि के साथ मां सरस्वती की वन्दना व पूजा की जाती है।
पूजा-पाठ में विशेष ध्यान लगाना चाहिए। हो सके तो पीले रंग के अच्छे-अच्छे पकवान बनाकर मां को भोग लगाए। पूजा के वक्त मां सरस्वती को प्रसन्न करने वाले जाप का उच्चारण करते रहना चाहिए, इससे विद्या और शांति की प्राप्ति होती है।