मां बनने के बाद सबसे ज्यादा खराब होती है आपकी नींद। शिशु की देखभाल, शारीरिक बदलावों और घर के कामों की वजह से अमूमन सभी नई माताओं की नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसके कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां भी हो जाती हैं।अब एक और समस्या सामने आई है। यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया लास एंजिलिस के विज्ञानियों ने बताया कि नींद की कमी के कारण नई माताओं में बुढ़ापा भी तेज हो जाता है। यानी बुढ़ापे के लक्षणों में तेजी आ जाती है। यह शोध स्लीप हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।


शोधकर्ताओं ने 23 से 45 साल की 33 महिलाओं का गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के एक साल बाद तक अध्ययन किया। इस दौरान महिलाओं के रक्त नमूने के डीएनए का विश्लेषण किया गया। देखा गया कि उनकी वास्तविक उम्र (क्रोनोलाजिकल एज) और जैविक उम्र (बायोलाजिकल एज) में फर्क होता है।


उन्होंने पाया कि जिन महिलाओं ने बच्चे को जन्म देने के एक साल में कम से कम छह महीने रात में सात घंटे से कम नींद ली, उनमें सात या इससे अधिक समय सोने वाली नई माताओं की तुलना में तीन से सात साल तक ज्यादा उम्र के लक्षण प्रतीत हुए।बताया जा रहा है कि जिन माताओं ने सात घंटे से कम नींद ली, उनके व्हाइट ब्लड सेल्स में टेलोमेयर का आकार भी छोटा था। टेलोमेयर के छोटा होने से कैंसर, हृदय तथा रक्तवाहिका संबंधी और अन्य रोगों के खतरे के साथ ही जल्द मौत का भी जोखिम बढ़ता है।

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