हर साल 19 अगस्त का दिन विश्व मानवतावादी दिवस के रूप में दुनियाभर में मनाया जाता है। यह दिन उन लोगों को अर्पित किया जाता है, जो असल जिंदगी के नायक है। जो बिना अपने लाइफ की परवाह किए लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। परिस्थतियां कैसी भी हों उनके कर्तव्य के आड़े नहीं आती। ऐसे लोगों को सम्मान और उनसे दूसरे लोगों को प्रेरित करने के लिए ही यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है।


विश्व मानवता दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मनाया गया था। इसके लिए साल 2008 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था। जिसके स्वीडन ने स्पॉन्सर किया था। आज से 18 साल पहले इराक की राजधानी बगदाद में आज ही के दिन यानी 19 अगस्त, 2003 को संयुक्त राष्ट्र हेड क्वार्टर पर पर हमला हुआ था। इस हमले में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के 22 कर्मचारी मारे गए थे, जिनमें इराक में UNO महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी मृत्यु हो गयी थी। जिसके बाद ही 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया।

कोरोना महामारी के दौरान हम सब ने यह देखा कि किस तरह डॉक्टर्स से लेकर नर्सेज़ और आम इंसानों ने भी भूख, बेघर लोगों की किस तरह मदद की। ये एक बहुत ही बड़ी मानवता की मिसाल थी। और इतना ही नहीं, हर साल कई देश बाढ़, भूकंप और कई तरह की त्रासदी का शिकार होते हैं तो ऐसे में मानवतावादी लोग ही उनकी मदद को आगे आते हैं। तो ऐसे समय में लोगों से मिल रही किसी भी तरह की मदद को वरदान से कम नहीं। तो ऐसे ही लोगों के जज्बे को सलाम करता है यह दिन। साथ ही दूसरों को भी आगे आने के लिए प्रेरित करता है।

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