दोस्तों, आपको बता दें कि चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा शुरू हो चुकी है। व्रती महिलाएं आज डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। बता दें कि छठ पूजा सूर्य देव की उपासना कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। कई भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए छठ पूजा करते हैं। सूर्य देव की कृपा से व्रती के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। व्रती महिलाएं सूर्य की तरह तेजस्वी संतान के लिए छठ माता का उपवास रखती हैं।

छठ पूजा पूरे विधि विधान से किया जाता है। अगर आप भी इस पूजा का सर्वोत्तम फल प्राप्त करना चाहते हैं तो पूजा के दौरान इन बातों का विशेष ख्याल रखें।

- छठ मइया के लिए प्रसाद तैयार करते समय पवित्रता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

- भगवान सूर्य को जिस बर्तन में अर्घ्य देते हैं, वह चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए।

- छठ पूजा का प्रसाद उस जगह कभी नहीं बनाएं जहां खाना पक रहा हो।

- छठ व्रतियों को बिस्तर पर भूलकर भी नहीं सोना चाहिए, जमीन पर सोना श्रेष्ठ होगा।

- छठ पूजा के दौरान मांसाहार के अलावा शराब इत्यादि का सेवन कत्तई ना करें।

- प्रसाद बनाते वक्त साफ-सुथरे कपड़े पहनें तथा नमक आदि से भी दूर रहें।

- सूर्यास्त और सूर्योदय के समय ही सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहिए।

- बिना हाथ धुले किसी भी प्रसाद अथवा पूजा सामग्री को नहीं छुएं।

- जब तक छठ पूजा संपन्न ना हो जाए, तब तक बच्चों को प्रसाद से दूर ही रखें।

- छठ पूजा में हमेशा सात्विक भोजन ही करें।

- प्याज, लहसुन, मांसाहार, धूम्रपान आदि का सेवन पूरी तरह से वर्जित है।

- छठ पूजा में व्रती लोगों को अभद्र भाषा तथा अपशब्दों के इस्तेमाल से बिल्कुल दूर रहना चाहिए।

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