अपने पिता के शरीर का मांस खाने के लिए क्यों मजबूर थे पांडव, जानिए महाभारत से जुड़ा किस्सा
महाभारत हिंदुओ का सबसे बड़ा ग्रंथ है और इस से जुड़ी कई ऐसी घटनांए हैं जो लोगों को काफी अचंभित करती है। बहुत ही ऐसी घटनाएं हैं जिन्हे आप जानते भी नहीं होंगे। आज हम आपको एक ही ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।
पाण्डु पुत्रों में (युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव) सहदेव ही एक ऐसे पुत्र थे जिन्हे अपने पिता का ज्ञान सबसे ज्यादा प्राप्त हुआ था। दरअसल राजा पांडव ने मृत्यु से पहले एक अजीब तरह का वरदान मांगा था। उनके अनुसार उनकी मौत के बात उनके शरीर का मांस उनके पुत्रों को खाना चाहिए। जिस से जीवन में उन्हें जो ज्ञान प्राप्त हुआ है वो उनके पुत्रों को स्थांतरित हो सके।
पुत्रों द्वारा पिता पांडव के मांस खाने को लेकर तरह-तरह की घटनाएं है। कई लोग कहते हैं कि बाकी पुत्रों को छोड़ कर केवल एक सहदेव ही ऐसे थे जिन्होंने अपने पिता का मांस खाया था। लेकिन बहुत लोग ये भी कहते हैं कि अपने पिता का मांस तो पांचों पुत्रों ने खाया लेकिन उनमें से सबसे ज्यादा मांस सहदेव ने खाया। इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा ज्ञान प्राप्त हुआ।
इस तरह महाभारत के इस किस्से को लेकर लोगों की अपनी अलग अलग राय है। लेकिन सच क्या है इस बारे में पुख्ता तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन इस बारे में कोई दोराहें नहीं है कि महाभारत का ये किस्सा बड़ा ही अजीब है।