हिन्दू धर्म में मान्यता है कि पूजा में या फिर किसी भी धार्मिक कार्य में हल्दी कुमकुम के अलावा हम अक्षत भी चढ़ाते हैं। भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन पूजा करते है जिससे प्रसन्न होकर अपने भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते है। आज हम आपको बता रहे है की शिवजी को अक्षत क्यों चढ़ाये जाता है।

भगवान शिव की पूजा करते समय थाल में कभी अक्षत रखना नहीं भूलें। इसी के साथ ये भी याद रखें कि वो वो चावल साफ और धुले हुए हो। चावल के दाने साबूत होने चाहिए और पूर्ण रूप से साफ़ हो। टूटे हुए चावल को कभी भगवान को अर्पित ना करें। चावल पूर्णता का प्रतीक है और इसी लिए कभी भी इन्हें आधे वाले चावल ना चढ़ाएं।

शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहते हैं अक्षत से शिवजी प्रसन्न होते हैं। पूरे चावल चढाने से आपको कभी भी धन, मान सम्मान की कमी नहीं होइत बल्कि शिवजी की कृपा बनी रहती है।

भगवान को रोज़ 4 दाने अक्षत के चढ़ाएं जिससे आपकी मनोकामना पूरी होगी। घर में माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा को चावल की ढेरी पर पर स्थापि‍त करें जिससे आपको कभी धन की कमी नहीं होगी।

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