इतिहास में कई लोगों ने अपने प्रेम की मिसालें पेश की हैं जैसे रोमियो जूलिएट, हीर राँझा, लैला मजनू और शाहजहाँ मुमताज इत्यादि | लेकिन आज हम बाजीराव और मस्तानी के बारे में बात करने जा रहे हैं। अपना प्यार पाने के लिए इन दोनों को दुनिया से लड़ना पड़ा था।

बाजीराव मराठा साम्राज्य के दूसरे पेशवा थे और वे मस्तानी नाम की राजकुमारी को बेहद प्रेम करते थे। बाजीराव ने अपने समस्त जीवनकाल में मुग़लों से कई युद्ध किये और सभी में विजय प्राप्त की।

मस्तानी हैदराबाद के शासक की पुत्री थीं। वे उस से विवाह भी करना चाहते थे और इन दोनों राज्यों के संबंध भी आपस में काफी अच्छे थे। मस्तानी इतनी खूबसूरत थीं कि उनकी खूबसूरती के चर्चे दूर दूर तक थे और कई राजा उनसे विवाह करना चाहते थे। मस्तानी कई विद्याओं में निपुण थीं, उन्होंने युद्ध की शिक्षा के साथ साथ घुड़सवारी, तलवार चलाना और भाला फेंकना भी आता था। उनकी इन्ही खूबियों के कारण उनके चाहने वालों की संख्या और भी अधिक थी। इन दोनों ने एक दूसरे से विवाह कर लिया।

बाजीराव से मस्तानी को एक संतान भी थी जिसका नाम "समशेर बहादुर" था | लेकिन एक हिंदू द्वारा एक मुस्लिम महिला से विवाह करना समाज को बिल्कुल नागवारा था। उन्होंने इसका जमकर विरोध किया था। लोगों द्वारा इतना अधिक विरोध करने के बाद बाजिराओ ने शनिवारवाडा नाम के अलग महल का निर्माण कराया थाम। इन दोनों के पुत्र समशेर बहादुर को भी सामजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। इसलिए उसे अपनी माँ का गौत्र चुनना पड़ा।

Related News