हिमालय का नजारा बेहद ही मन लुभाने वाला है लेकिन आपको शायद इस बारे में जानकारी नहीं होगी कि चाह कर भी इसके ऊपर से उड़ान नहीं भरी जा सकती है। किसी भी विमान के एयर रुट पहले से तय होते हैं और इस दौरान हिमालय को किसी भी उड़ान के दायरे से अलग रखा जाता है। लेकिन आपके मन में ये सवाल जरूर होगा कि आखिर क्यों कोई विमान हिमालय के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है। इसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

1. हिमालय का मौसम विमानों के लिहाज से ठीक नहीं है। यहाँ का मौसम हमेशा बदलता रहता है ऐसे में विमानों के लिए उड़ान भरना खतरनाक साबित हो सकता है।

2. हिमालय की ऊंचाई करीब 23 हजार फीट है और विमान 30 से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं। ऐसे में विमानों के लिए हिमालय के ऊपर से उड़ान भरना बेहद ही खतरनाक हो सकता है।

3. इसके अलावा हर एक यात्री के लिए आपातकालीन स्तिथि में विमान में 20-25 मिनट की ऑक्सीजन मौजूद होती है। अगर हिमालय के ऊपर से प्लेन उड़ान भरता है तो 30-35 हजार फीट की ऊंचाई से 8-10 हजार फीट की ऊंचाई तक आना होता है। तब लोगों को और को सांस लेने में अधिक समस्या हो सकती है। तब बहुत जल्दी विमान को नीचे भी लाया जा सकता है।

4. हिमालयी इलाकों में नेविगेशन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में विमान आपातकाल के समय कंट्रोलर से सम्पर्क नहीं साध सकता है।

5. आपातकाल के समय विमानों नजदीकी जगह पर इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ती है जबकि हिमालय के इलाकों में दूर-दूर तक कोई एयरपोर्ट मौजूद नहीं है। इसलिए विमान यहाँ पर उड़ान नहीं भरते हैं।

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