अगर आपने कभी रेलवे ट्रैक देखा हो तो दोनों ओर नुकीले पत्थर होते हैं ,लेकिन क्या आपको पता है कि इसकी क्या वजह है? दरअसल इसकी एक नहीं कई वजहें हैं और इन्ही के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है।

कहा जाता है ट्रैक बैलेस्ट
रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बिछाए जाने वाले ये पत्थर नुकीले होते हैं जिस कारण ये एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। अगर गोलाकार पत्थर बिछाए जाएं तो ये ट्रेन के गुजरने वाले कंपन से इधर-उधर बिखर जाएंगे इन पत्थरों को ट्रैक बैलेस्ट (Track Ballast) कहा जाता है।

पत्थर बिछाए जाने के कारण

1. रेलने लाइन को कंक्रीट से बनी सिल्लियों से बनाया जाता है। पहले कंक्रीट की सिल्लियों के बजाए लकड़ी के मोटे पटरे लगाए जाते थे लेकिन ये बारिश के कारण खराब हो जाते थे इसलिए अब कंक्रीट की सिल्लियों पर पटरी बिछाती है। ट्रैक बैलेस्ट इन स्लीपर्स को मजबूती के साथ पकड़ कर रखती हैं। अगर इन्हे ना बिछाया जाए तो स्लीपर्स ट्रेन के वजन और कंपन की वजह से इधर-उधर खिसक जाएंगे।

2. ट्रैक बैलेस्ट पटरियों पर गुजरने वाली ट्रेनों से जो शोर आता है उसको भी कंट्रोल में रखते हैं। इसके अलावा ट्रैक बैलेस्ट न बिछाए जाएं तो ट्रेन के भारी भरकम वजन से होने वाले कंपन से लाइन क्रैक होकर टूट सकती हैं।

3. ट्रेनों के गुजरने के लिए रेलवे ट्रैक बिल्कुल क्लियर होना जरूरी है और घास फूस भी नहीं उगने चाहिए। ट्रैक बैलेस्ट पटरियों के बीच इस तरह के घास-फूस को उगने से भी रोकता है।

4. भारत के कई इलाकों में हर साल भारी बारिश होती है और अगर ऐसे में ट्रैक बैलेस्ट न बिछाए जाएं तो पटरियों और स्लीपर्स के नीचे मौजूद मिट्टी बारिश की वजह से खिसक कर ढह सकती हैं। इस से हादसे भी हो सकते हैं।

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