हमारे जीवन से जुड़ी कई ऐसी गतिविधियां हैं जिन्हें कुछ खास दिनों या समय पर करना अशुभ मना माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों में ऐसे कार्यों का वर्णन किया गया है, जैसे शाम को झाड़ू न लगाना, गुरुवार को बाल न धोना या बाल न काटना। मंगलवार और शनिवार को नाखून नहीं काटने चाहिए। इसके अलावा शाम को सोना भी वर्जित है। क्या आपने कभी सोचा है कि शाम को सोना क्यों मना है? इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

धार्मिक कारणों से -

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सुबह और शाम का समय बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि सुबह का समय भगवान की पूजा करने का होता है। साथ ही शाम का समय आत्मनिरीक्षण के लिए लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार शाम के समय तीन देवी-देवता माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता दुर्गा हमारे घर आती हैं। यदि कोई व्यक्ति इस दौरान सोता है, तो वह इन तीनों देवी-देवताओं के आशीर्वाद से वंचित रहता है। धार्मिक शास्त्रों में शाम को न सोने का यही सबसे बड़ा कारण है।

देवी लक्ष्मी को क्रोध आता है -

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शाम के समय घर के दरवाजे खुले रखकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है। यदि शाम के समय आपके घर के दरवाजे बंद हो जाते हैं, तो देवी लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगी, इससे वह आपसे नाराज हो सकती हैं। साथ ही आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बढ़ेगा।

सूर्य देव से संबंध -

जैसे हमारा दिन सूर्योदय से शुरू होता है और हम दिन भर ऊर्जा के साथ काम करते हैं। इसी तरह सूर्यास्त होते ही हम नई योजनाएँ बनाने लगते हैं। अगर हम शाम को सोते हैं तो हम भविष्य की योजना नहीं बना सकते हैं, जिससे हमारे कई काम बिगड़ सकते हैं और हमें असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

वैज्ञानिक कारण -

मेडिकल साइंस के अनुसार अगर आप शाम को सोते हैं तो आपका पूरा जीवन चक्र गड़बड़ा जाता है, जिससे रात की नींद भी खराब हो जाती है। ज्यादातर लोग शाम तक अपना काम खत्म कर लेते हैं, लेकिन शाम को सोने से आपका काम देर से होगा। इसे खत्म करने के बाद देर रात तक जागना पड़ता है। रात को देर से सोने से हमारे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर भी बड़ा असर पड़ता है। देर रात की नींद भी नींद के चक्र को बाधित करती है, जो कई बीमारियों को आमंत्रित करती है।

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