आपने एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा करते समय रेलवे स्टेशन पर पीले बोर्ड्स पर अंग्रेजी, हिंदी या स्थानीय भाषा में समुद्र तल से ऊंचाई लिखे देखा होगा। क्या आपने कभी सोचा है कि रेलवे स्टेशनों पर पीले बोर्ड्स पर समुद्र तल से ऊंचाई के बारे में क्यों लिखा जाता है? इसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे के हर स्टेशन पर आपको एक स्टेशन मास्टर का कार्यालय और पूछताछ केंद्र मिलते हैं। रेलवे ने उनकी यात्रा के दौरान किसी भी शिकायत के लिए एक हेल्पलाइन नंबर, 139 भी जारी किया है।

लेकिन, हर यात्री रेलवे स्टेशन के आरंभ और अंत में लगे पीले रंग के साइनबोर्ड को देखता है ताकि पता लगाया जा सके कि उनकी यात्रा अब कितनी बची है या वे किस स्टेशन पर पहुँचे हैं।

स्टेशन का नाम के साथ साथ आपने समुद्र तल से स्टेशन की ऊंचाई का उल्लेख करने वाले आंकड़े भी देखे होंगे। समुद्र तल से स्टेशन की ऊंचाई को "मीन सी लेवल" (MSL) के रूप में लिखने का कारण भारतीय रेलवे की ट्रेनों में आने वाले सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए है।

अब आप सोच रहे होंगे कि MSL का जिक्र यात्रियों की सुरक्षा से कैसे जुड़ा है। MSL सीधे लोको पायलटों (ट्रेन चालकों) और गार्डों को उस ऊंचाई के बारे में सचेत करता है जिस पर वे यात्रा कर रहे हैं।

MSL की मदद से एक लोको-पायलट ट्रेन की गति को नियंत्रित करता है। यदि ट्रेन अधिक ऊंचाई की ओर बढ़ रही है तो लोको-पायलट ट्रेनों के सुचारू रूप से चलने के लिए इंजन को उस अनुसार पावर देते हैं। ठीक उसी तरह अगर ऊंचाई कम है तो उस हिसाब से ट्रेन की स्पीड को रखा जाता है जिस से किसी भी तरह की दुर्घटना को रोका जा सके।

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