महिलाओं को आभूषण पहनने का बेहद शौक होता है। महिलाऐं सिर से लेकर गले हाथ, कमर और पैरों में आभूषण पहनती है। पैरों में चांदी की पायल बिछिया आदि पहनी जाती है। लेकिन सोने के आभूषणों को पैरों में नहीं पहना जाता। तो क्या आप इसका कारण जानते हैं? आज हम आपको इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताने जा रहे हैं।

आयुर्वेद में एक कहावत है पैर गरम, पेट नरम और सिर ठंडा होना चाहिए। वहीं अगर आभूषणों में सोना गर्म और चांदी ठंडी प्रकृति की होती है. चूंकि शरीर में ऊर्जा का प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर होता है। इसलिए पैरो में चांदी ही पहनी जाती है जिस से की सिर ठंडा रहे। इस से महिलाएं तमाम तरह की बीमारियों से बची रहती हैं। अगर महिलाऐं सोने के आभूषण पहनेंगी तो उनका पूरा शरीर गर्म रहेगा, जिससे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा जब चांदी के आभूषण पैरों में पहने जाते हैं तो उनके रगड़ने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।

धार्मिक वजह
धार्मिक रूप से भगवान नारायण को पीला रंग प्रिय है, इसलिए कहा जाता है कि सोना उनकी प्रिय धातु है। सोने को माता लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। ऐसे में यदि इसे पैरों में धारण किया जाए तो इसे मां लक्ष्मी और नारायण का अपमान माना जाता है। इसलिए सोने को पैरों में नहीं पहना जाता है।

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