आपने भी नोटिस किया होगा कि आपके आमने-सामने कई लोग गुरुवार को पीले रंग के कपड़े ही पहनते हैं। भारतीय संस्कृति में पीले कपड़े पहनने का रिवाज काफी पुराना है। कई घरों में तो पीले रंग का भोजन भी किया जाता है। क्या है इस पीले रंग के पीछे का कारण?

गुरुवार और पीले कपड़े

गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने की मान्यता पुरातन काल से चली आ रही है जो आज भी औद्योगिकीकरण के दौर में जारी है। इसका मतलब है कि लोग पुरानी मान्यता को अब भी छोड़ नहीं पाए हैं। पीला रंग सादगी और निर्मलता का प्रतीक माना जाता है जिसके कारण हिंदू धर्म में इस रंग के कपड़े को पहनने की विशेष तौर पर रीत है।


भगवान विष्णु का है पसंदीदा रंग

पीले रंग बहुत ही शुभ माना जाता है और यह भगवान विष्णु का पसंदीदा रंग होता है। वहीं साईं बाबा को भी यह रंग काफी पसंद था। इसलिए तो गुरुवार को साईं बाबा की पूजा करने वाले लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और पीला ही रंग का भोजन करते हैँ।


विष्‍णु की कृपा के लिए

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पीले रंग के कपड़े पहनने से विष्णु भगवान की कृपा मिलती है। हिंदु शास्त्र में बृहस्पति को शुभ ग्रह माना जाता है। इस ग्रह का आकार सभी ग्रहों से बड़ा है तो इसलिए इसे गुरु ग्रह भी कहा जाता है। बृहस्पति को भगवान विष्णु का ही रुप माना जाता है और भगवान विष्णु का पसंदीदा रंग पीला था जिसके कारण गुरुवार को भगवान विष्‍णु की पूजा के लिए पीले रंग के वस्त्र पहनने का रिवाज रहा है। विष्णु भगवान को पीला रंग पसंद होने की वजह से इस दिन पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं।

क्यों ही पीले रंग की मान्यता

फेमस रंग विशेषज्ञ भी पीले रंग के कपड़े पहनने को दिमाग की शांति से जोड़ कर देखते हैं। रंग विशेषज्ञों का मानना रहा है कि जैसा हम खाना खाते हैं वैसा ही हमारा शरीर होता है। इसी तरह से जैसे हम कपड़ पहनते हैं वैसी ही हमारी पर्सनैलिटी होती है। पीले रंग को कर्मठता तत्परता और उत्तरदायित्व निभाने वाला और इमोशनल रंग माना जाता है। इसलिए पीले रंग के कपड़े पहनने की मान्यता हिंदू धर्म में रही है।
जिंदगी से परेशानियों को दूर करने के लिए भी पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

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