आपने कई बार देखा होगा कि संसद में उल्टे पंखे लगाए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि पंखे उल्टे क्यों लगाए जाते हैं? इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

इतिहासकारों के मुताबिक इसके पीछे की वजह ये बताई जाती है कि जब ये संसद बनाई गई तो इसका गुंबद बहुत ही ऊंचा बनाया गया और सेंट्रल हॉल का गुंबग पूरे संसद का सेंटर है। उस समय जब पंखे लगाने की बारी आई तो छत बहुत ही ऊंची होने के कारण सीलिंग फैन लगाना बहुत मुश्किल हो रहा था और तब लंबे डंडे के जरिए पंखे लगाने की बात हुई।

लेकिन ऐसा हो ना सका और बहुत ज्यादा लंबा डंडा लगाना भी किसी को सही नहीं लग रहा था इसलिए फिर सेंट्रल हॉल की छत की ऊंचाई को ध्यान में रखकर अलग से खंबे लगाए गए और उनपर उल्टे पंखे लगाए गए थे।

तभी से इसी तरह के पंखे संसद में लगाए जाने लगे। संसद का लुक आज भी वैसा ही है। इसकी विरासत को वैसा ही रखने के लिए आज भी उलटे पंखे लगाए जाते हैं और इसे बदला नहीं गया है।


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