एक ऐसा मंदिर जहां तालाब में छिपाकर रखी जाती है भगवान की मूर्ति जानिए क्यों?
हिन्दू धर्म की बात करे तो पूजा पाठ का बहुत महत्व है। देशभर में ऐसे बहुत से मंदिर है जिनका बहुत मान्यता है। आज हम बात करेंगे दक्षिण भारत के कांचीपुरम में एक अद्भुत मंदिर के बारे में है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की अथि वरदार की पूजा होती है। कहते है इस मंदिर की प्रतिमा पूरे समय मदिर के पवित्र तालाब में रखी हुई होती है। 40 साल में एक बार इसे भक्तों के लिए निकाला जाता है। 48 दिन तक पूरे उत्सव के साथ दर्शन का सिलसिला चलता है, फिर पुनः इसे पवित्र तालाब में छिपा दिया जाता है।
तमिलनाड़ु के कांचीपुरम् के नेताजी नगर में स्थित इस मंदिर में भगवान के दर्शन के इस उत्सव को वरदार उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पिछली बार सन 1979 में इसे मनाया गया था। अब इस बार 1 जुलाई से 9 अगस्त तक ये उत्सव मनाया जा रहा है। जिसके लिए लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
40 दिन तक यहां अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान किया जाता है। यहां मान्यता है कि मुगलों के आक्रमण के समय प्रतिमा की रक्षा के लिए इसे तालाब में छिपा दिया गया। करीब 40 साल प्रतिमा तालाब में रही थी। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी धर्मकर्ता के दो पुत्रों ने इसे तालाब से निकाला ताकि इसकी पूजा की जा सके। करीब 48 दिन तक प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में रही, फिर अचानक तालाब में चली गई। तब से ये तय किया गया कि भगवान की प्रतिमा को 40 साल में एक बार ही तालाब से निकाला जाएगा।