मरने के बाद किसी व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है तो किसी की आत्मा भटकती रहती है। इसलिए क्या आप जानते हैं कि कौन मरने के बाद भूत बनता है और किसकी आत्मा भटकती रहती है।

जो व्यक्ति भूखा, प्यासा मरता है, सम्भोग सुख से वंचित रहकर मरता है, गुस्सा, लोभ, वासना आदि लेकर मरता है या फिर जो इंसान एक्सीडेंट में, आत्महत्या करके या जिसकी हत्या की गयी हो ऐसे लोग भी भूत बनकर भटकते रहते है। ऐसे लोग उन लोगों की तलाश में रहते हैं जो उन्हें मुक्ति दिला सके।

भूत प्रेत अदृश्य होते है और ये प्रायः वायु समेत 16 तत्वों से बने होते है। जिन भूतों को अपनी इस शक्ति का पता होता है वे इसे इस्तेमाल करना जानते है। कुछ भूतों को दूसरों को टच करने की शक्ति होती है और कुछ को नहीं होती।

अच्छी और बुरी आत्माएं दोनों ही ऐसे लोगों को तलाश करती है जो उनकी वासनाओं की पूर्ती कर सके। अच्छी आत्माएं अच्छे कर्म करने वाले की तलाश करती है उसी के अनुरूप आत्मा उनमें प्रवेश करती है और तृप्त होकर उसे भी तृप्त करती है। अधिकतर लोगों को इस बात का पता ही नहीं चल पाता है।

बुरी आत्माएं बुरे इंसान के माध्यम से तृप्त होकर उसे और बुराई, कुकर्म करने के लिए प्रेरित करती है और उस इंसान को पता ही नहीं चल पाता की कोई दूसरी शक्ति उसपर राज कर रही है और उसे बुरे कर्मों में लिप्त कर रखा है।

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