इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आप सभी को पता है आज देवशयनी एकादशी है। हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्‍यता है कि देवशयनी एकादशी से लेकर अगले चार महीने तक भगवान विष्‍णु देवप्रबोधनी तक निद्रा में चले जाते हैं। यही वजह है कि इस दौरान सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं।

दोस्तों आपको बता दे की काल जल्दी उठकर सबसे पहले घर की सफाई कर लेना चाहिए। इसके बाद स्नान करके गंगा जल से पूरे घर में छ्ड़काव करना चाहिए। घर के मंदिर में विष्णु ईश्वर की सोने, चांदी, तांबे या पीपल की मूर्ति की स्थापना करके पूजा करनी चाहिए।

दोस्तों आपको बता दे की पूजा के बाद व्रत की कथा सुनना भी शुभ माना जाता है। इसके बाद विष्णु ईश्वर की आरती करके सबको प्रसाद बांट देना चाहिए। बता दें, विष्णु ईश्वर का कमल के फूल से पूजन करने से विशेष फायदा मिलता है.भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए इस दिन ईश्वर विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

पूजा का समय- एकादशी तिथि प्रारंभ- 22 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से एकादशी तिथि समाप्त- 23 जुलाई शाम 4 बजकर 23 मिनट तक।

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