इस बार दुर्गा नवमी का पर्व देरी से आरंभ हो रहा है, 18 सितंबर 2020 से अधिक मास लगा है जो 16 अक्टूबर 2020 तक चलेगा उसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि महोत्सव आरंभ होगा आइए आज जानते हैं, नवदुर्गा के हर दिन की तारीख और उनके बारे में नवदुर्गा की पूजा अर्चना के लाभ।

प्रथम दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है, कलश या घट स्थापना के पश्चात मां शैलपुत्री की पूजा विधि विधान से की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है, महानवमी दुर्गा पूजा अष्टमी पूजा 25 अक्टूबर को मां सिद्धिदात्री पूजा नवरात्रि पारण विजयदशमी 26 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन किया जाएगा।

पूजा विधि
एक पात्र ले उसमें मिट्टी की एक मोटी परत बिछाये और फिर जौ के बीज़ डालकर उसमे मिटटी डाले इस पात्र को मिटटी से भरें इसमें इतनी जगह जरूर रखें जो की पानी डाल सके. फिर इसमें थोड़ा पानी डालें. एक कलश ले उसपे स्वस्तिक बनाये फिर उसपे मौली या कलेवा बांधे इसके बाद कलश को गंगाजल या शुद्ध जल भरें इसमें साबूत सुपारी, फूल और दूर्वा डालें साथ ही इत्र पंचरत्न और सिक्के डाल दें, इसके चारों ओर आम का पत्ता लगाए . कलश के ढक्कन पर चावल डालें देवी का ध्यान करते हुए, कलश का ढक्कन लगाए एक नारियल का गोला लेकर उसपे कलेवा बांधे कुमकुम से नारियल पर तिलक लगाकर नारियल को कलश के ऊपर रखें नवरात्री में हमेशा रोजाना पुष्प अर्पित करें |


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