यदि आप भी लाजवाब खाने के शौकीन हैं तथा आपका दिल खाने के लिए धड़कता है तो आप पक्के फूडी है। लेकिन जब लोग इस बादशाह को याद करते हैं तो अच्छे-अच्छे फूडी भी इनके सामने अदन्ने नज़र आते हैं। जी हां, हम आपको पराक्रमी योद्धा और गुजरात के बादशाह महमूद बेगड़ा के बारे में बताने जा रहे हैं। यह सुल्तान अपने पेटू होने के कारण भी ज्यादा प्रसिद्ध था।

बादशाह महमूद बेगड़ा ने 13 साल की उम्र से 53 साल तक शासन किया, उन दिनों किसी भी राजा अथवा सुल्तान के लिए एक प्रकार से यह लंबा कार्यकाल था।
सुल्तान महमूद बेगड़ा हष्टपुष्ट शरीर का मलिक थे, उनकी दाढ़ी कमर तक पहुंचती थी। उनकी मूंछें भी काफी लंबी थी। इस स्टोरी में हम आपको महमूद बेगड़ा के खाने के मशहूर किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं।

खाने में ज़हर


यूरोपीय इतिहासकार बारबोसा और वर्थेमा के मुताबिक सुल्तान को एक बार ज़हर देने की कोशिश की गयी थी, तब से सुल्तान रोज़ को थोड़ी मात्रा में ज़हर दिया जाता रहा था ताकि उनका इम्यून सिस्टम ज़हर का आदी हो जाए।

सुल्तान का नाश्ता


कहा जाता है कि सुल्तान बेगड़ा नाश्ते में एक कटोरा शहद, एक कटोरा मक्खन और सौ से डेढ़ सौ तक केले खा जाते थे।

दिनभर का खाना


फारसी और यूरोपीय इतिहासकारों के अनुसार, सुल्तान महमूद बेगड़ा बहुत ज़्यादा खाना खाते थे इन इतिहासकारो के मुताबिक, सुल्तान महमूद बेगड़ा रोज़ लगभग 35 से 37 किलो तक खाना खा जाता था।

खाने के बाद का मिट्ठा


खाने के बाद सुल्तान महमूद बेगड़ा 4.6 किलो मिट्ठे चावल खा जाते थे ।

रात का इंतजाम


हांलकि इतना ज्यादा खाना खाने के बाद वैसे किसी को भूख नहीं लगती पर, अगर वो सुल्तान महमूद बेगड़ा हो तो ऐसा हो सकता है। जी हां, रात को लगने वाली अचानक भूख के कारण सुल्तान परेशान ना हो इसीलिए उनके लिए उनके तकिए के दोनो तरफ गोश्त के समोसों से तश्तरियां रखी जाती थी, जिससे सुल्तान रात की अपनी भूख शांत कर सकते थे।

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