द्रौपदी के साथ समय बिताने के लिए पांडवों ने क्या नियम बनाया था; जानिए
द्रौपदी ममहाभारत की सबसे खूबसूरत, गुणी, समझदार और लोकप्रिय महिला किरदारों में से एक थी। महाभारत का युद्ध द्रौपदी के इर्द गिर्द ही आधारित है। द्रौपदी पांच पाडंवों की पत्नी थी। उसे अर्जुन ने स्वयंवर में जीता लेकिन पांडवों की माँ के वचन के कारण उसे पांचो भाइयों की पत्नी बनना पड़ा।
द्रौपदी राजा द्रुपद की बेटी थी और उसका जन्म उन्ही के हवन कुंड से हुआ था। ये भी माना जाता है कि द्रौपदी के 5 पति होने का कारण भी उसके द्वारा भगवान शिव से माँगा गया वरदान था। इसी के कारण उसे पांच पति मिले थे।
विवाह के बाद द्रौपदी के साथ पांडवों को किस तरह समय बिताना है इस संबंध में कोई नियम नहीं था। तब पांडवों ने एक नियम बनाया कि "जब द्रौपदी भाइयों में से एक के साथ होगी, तो दूसरा भाई वहां नहीं आएगा और यदि कोई आता है या उन्हें देखता है तो उसे 12 साल के वनवास के लिए जाना होगा।
द्रौपदी एक दिन युधिष्ठिर के साथ थी और उस समय अर्जुन बाहर थे तो एक ब्राह्मण अर्जुन से मदद मांगने पहुंचा और कहा कि डाकु उसकी गायों को लेकर भाग गए। उसकी मदद करना अर्जुन अपना धर्म समझता था लेकिन उसके हथियार उसी कक्ष में थे जहाँ द्रौपदी युधिष्ठिर के साथ मौजूद थी। फिर भी अर्जुन ने अपना धर्म पालन करने के लिए वहां जाने का फैसला किया और अपने हथियार उठाए। लेकिन अर्जुन ने उस खास नियम को तोड़ दिया था इसलिए लौटने पर, उसे 12 साल के वनवास के लिए जाना पड़ा।