लाइफस्टाइल डेस्क। दोस्तों भारत देश में हजारों मंदिर है जो अपनी विशेष आकृति और अजीबोगरीब रीति-रिवाजों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। दोस्तों आज हम आपको भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर व्हेल मछली के कंकाल की पूजा की जाती है। दोस्तों आज हम आपको गुजरात में वलसाड तहसील के मगोद डुंगरी गांव में स्थित 'मत्स्य माताजी' मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां व्हेल मछली की हड्डियों की पूजा होती हो। जी हां दोस्तों यह बात सुनने में आपको थोड़ी अजीब लगेगी, लेकिन यह बिल्कुल सत्य है। 300 साल पुराने इस मंदिर में आज भी व्हेल मछलियों की हड्डियों की पूजा की जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि 300 साल पहले इस मंदिर का निर्माण गांव के ही मछुआरों ने करवाया था। मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाने से पहले यहां रहने वाले सारे मछुआरे पहले मंदिर में माथा टेकते हैं, तभी वो वहां से जाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर में पूजा करने पर मछुआरों के साथ कोई भी अनहोनी घटना नहीं होती थी।

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