आज खुलेगा वोडाफोन आईडिया का FPO, जानें GMP समेत सारी डिटेल्स यहाँ
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वोडाफोन आइडिया अपनी चल रही वित्तीय चुनौतियों के बीच आज अपनी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) सदस्यता खोलने के लिए तैयार है। ₹18,000 करोड़ का यह आईपीओ पांच दिनों तक चलेगा और 22 अप्रैल को बंद होगा। कंपनी ने प्रति शेयर ₹10 से ₹11 का मूल्य बैंड निर्धारित किया है। यह एफपीओ टेलीकॉम इंडस्ट्री और वोडाफोन आइडिया के लिए काफी महत्व रखता है। इस एफपीओ में भाग लेने के लिए निवेशकों को न्यूनतम 1,298 इक्विटी शेयर खरीदने होंगे। आइए ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) के विवरण पर गौर करें।
कितना कर सकते हैं निवेश
वोडाफोन आइडिया ने इस एफपीओ में लगभग ₹18,000 करोड़ के नए इक्विटी शेयर जारी करने की योजना बनाई है, जिससे यह भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा एफपीओ बन जाएगा। इससे पहले, यस बैंक ने एफपीओ के माध्यम से ₹15,000 करोड़ जुटाने का प्रयास किया था, इसके बाद पिछले साल जनवरी में अदानी समूह ने ₹20,000 करोड़ एफपीओ का प्रयास किया था। निवेशक 18,172 शेयरों के बराबर 14 लॉट तक खरीद सकते हैं। खुदरा निवेशक ₹14,278 से ₹1,99,892 के बीच निवेश कर सकते हैं। 23 अप्रैल को शेयर आवंटित किए जाएंगे और 24 अप्रैल तक डीमैट खाते में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे।
ग्रे मार्केट में क्या है हाल
इस एफपीओ से जुटाए गए फंड में से वोडाफोन आइडिया नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर, 4जी विस्तार और 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए ₹12,750 करोड़ आवंटित करेगा। इसके अलावा टेलीकॉम और जीएसटी विभाग को ₹2,175 करोड़ दिए जाएंगे। वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से दिसंबर तक वोडाफोन आइडिया को ₹23,564 करोड़ का घाटा हुआ। 2023 के अंत तक कंपनी पर ₹2.13 लाख करोड़ का कर्ज है। बीएसई के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के पास कंपनी में 32.19% हिस्सेदारी है। वर्तमान में, कंपनी का शेयर ₹1.50 के ग्रे मार्केट प्रीमियम के साथ ₹12.95 पर कारोबार कर रहा है। इसकी लिस्टिंग कीमत 12.5 रुपये के आसपास हो सकती है।
एंकर निवेशकों के साथ बैठक से ₹5,400 करोड़ का लाभ
एफपीओ से पहले, वोडाफोन आइडिया ने एंकर निवेशकों से लगभग ₹5,400 करोड़ सुरक्षित किए हैं। वन97 कम्युनिकेशंस और एलआईसी के बाद यह तीसरी सबसे बड़ी एंकर बुक हो सकती है। वन97 कम्युनिकेशंस ने ₹8,235 करोड़ जुटाए, और एलआईसी ने एंकर निवेशकों से ₹5,627 करोड़ जुटाए। देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने कॉल दरें बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। इस एफपीओ के बाद सरकार की हिस्सेदारी घटकर 24 फीसदी रह जाएगी। उन्होंने भरोसा जताने के लिए एंकर निवेशकों का भी आभार व्यक्त किया।