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घर या मंदिर में शंख रखने से न केवल धार्मिक लाभ होता है बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भी इसे शुभ माना जाता है। हालाँकि शंख रखने के कुछ नियम हैं जैसे शंख को हमेशा उत्तर दिशा में रखना चाहिए और नियमित रूप से इसकी पूजा करना आवश्यक है। इन नियमों का पालन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

खाली शंख क्यों नहीं रखते? :

यह सच है कि घर में या मंदिर में शंख रखने से घर में बरकत आती है, लेकिन कई लोग बिना किसी पूजा या विधि-विधान के शंख रख लेते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार खाली शंख प्रयोग के लिए उपयुक्त नहीं होता है। इसे प्रभावशाली बनाने के लिए शंख की पूजा और अभिषेक करना चाहिए।

शंख को केवल अपने पास रखने से ही उसे ऊर्जा यानि पूर्णता और शक्ति नहीं मिलती। इसलिए अगर आप अपने घर या मंदिर में शंख रखना चाहते हैं तो पहले इसे अच्छे से स्नान कराएं फिर इसकी विधिवत पूजा करें और उसके बाद ही इसे स्थापित करें। यह प्रक्रिया शंख में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी। जिससे घर में सुख-समृद्धि और शांति आएगी।

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शंख का उचित रखरखाव:

घर या घर के मंदिर में शंख रखने से सकारात्मकता आती है लेकिन अगर शंख खाली रखा जाए तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है। खाली शंख न केवल अपनी शुभता और दैवीय ऊर्जा खो देता है बल्कि घर के वातावरण पर भी बुरा प्रभाव डालता है। शास्त्रों में बताया गया है कि शंख में हमेशा शुद्ध जल भरकर रखना चाहिए।

क्योंकि जल की शुद्धता शंख को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। इसके अलावा शंख को फूलों से भी भर सकते हैं। जो न केवल शंख की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि उसे और भी शुभ और ऊर्जा से भरपूर बनाता है। इस प्रकार शंख को विधिपूर्वक रखने और उसकी पूजा करने से घर में शांति, सुख और समृद्धि बढ़ती है।

शंख में फूल भरें : शंख में फूल भरकर रखने से घर में पारिवारिक शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सौहार्द बेहतर रहता है। इससे न केवल व्यक्ति की सुंदरता बढ़ती है बल्कि घर में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

जब शंख में फूल होते हैं, तो यह वातावरण को अधिक खुशनुमा बना देता है, जिससे मिठास और सद्भाव पनपता है। इसके अलावा शंख में फूल भरने से भी ग्रहदोष दूर होता है। क्योंकि इससे शुभता और सकारात्मकता बढ़ती है। इसलिए शंख को फूलों से भरकर रखना एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय है। जिससे न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक समृद्धि भी बढ़ती है।

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