हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, इसके प्राचीन विज्ञान की पालना करके आप घर में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सरकते हैं, अगर हम बात करें आज के मॉडल जमाने की तो घर की औरतें किचन में चप्पल पहनकर खाना बनाती हैं, जो वास्तु के हिसाब से बेहद ही गलत हैं, इससे आपके घर में नकारात्मकता फैलती हैं, आइए जानते हैं इसके जूते चप्पल से जुड़े दुष्प्रभावो के बारे में-

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सही स्थान का महत्व

जूते और चप्पल, जब अनुचित दिशाओं में रखे जाते हैं, तो नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इससे घर में सुख, शांति और धन के प्रवाह में बाधा आ सकती है।

जूते और चप्पल को सही तरीके से कैसे रखें

उल्टे जूते पहनने से बचें: हमेशा सुनिश्चित करें कि जूते और चप्पल सीधे रखे गए हों। माना जाता है कि इन्हें उल्टा रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है, जिससे परिवार की शांति भंग होती है और धन का प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है।

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स्थान के लिए अनुशंसित दिशाएँ

उत्तर और पूर्व दिशा से बचें: उत्तर और पूर्व दिशाएँ देवी लक्ष्मी के लिए पवित्र हैं। माना जाता है कि इन दिशाओं में जूते और चप्पल रखने से वे घर में निवास नहीं कर पाती हैं, जिससे उनका आशीर्वाद कम हो जाता है।

पसंदीदा दिशाएँ: घर के दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखी अलमारी में जूते और चप्पल रखने की सलाह दी जाती है। ये दिशाएँ जूते रखने के लिए शुभ मानी जाती हैं, जिससे घर में सामंजस्य बना रहता है।

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जूते और चप्पल रखने से बचने की जगहें

शयनकक्ष: जूते और चप्पल कभी भी शयनकक्ष में नहीं रखने चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा हो सकता है और पति-पत्नी के बीच संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

रसोई: रसोई अग्नि और भोजन का स्थान है, दोनों को ही वास्तु शास्त्र में पवित्र माना जाता है। रसोई में जूते-चप्पल रखना अशुभ माना जाता है और इससे आर्थिक तंगी या गरीबी आ सकती है।

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