वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा-पाठ में धूप और दीपक जलाने का खास महत्व होता है। सुगंधित वातावरण के चलते पूजा के दौरान पॉजिटिव एनर्जी आती है। धूपबत्ती और अगरबत्ती का इस्तेमाल मांगलिक कार्यों और पूजा पाठ में होता है। लेकिन क्या आप जानते है की अगरबत्ती जलाने से जुड़ी कुछ खास बातो का ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो पितृ दोष के साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है आइए इस लेख के माध्यम से जानते है इन खास बातों के बारे में विस्तार से -

1. भारतीय परंपरा में बांस को नहीं जलाना चाहिए। बांस को वास्तु शास्त्र के मुताबिक शुभ माना गया है। यह उन्नति का प्रतीक है।

2. बांस को वंश का भी प्रतीक माना जाता है। यदि बांस को जलाना जाता है तो पितृ दोष लगता है और पारिवारिक वंश को नुकसान पहुंचता है। अगरबत्ती ज्यादातर बांस से बनाई जाती है।

3.यदि बांस को जलाया जाता है तो इसके जलने से खतरनाक टॉक्सिक हेवी मेटल वातावरण में फैल जाते हैं।

4. यदि बांस की लकड़ी पर कई तरह की केमिकल की लेयरिंग की गई है तो अगरबत्ती को जलाना और भी खतरनाक होता है।

* क्या है इससे बचने का उपाय :

अगरबत्ती के विकल्प पर धूना या फिर धूप बत्ती का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें गाय को गोबर और अन्य ज्वलनशील पदार्थों से बनाया जाता है। इसमें बांस की तीलियां नहीं होती हैं।

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