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वास्तु शास्त्र घर से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समाहित करता है। यह हमारे रहने की जगहों से जुड़ी सभी चीजों पर ध्यान देकर हमारे जीवन में सद्भाव बनाए रखने की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। अक्सर, घर की कुछ चीजें वास्तु दोषों का कारण बन सकती है, जो धीरे-धीरे पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान जैसी समस्याओं को जन्म देती है।

क्या आप जानते हैं कि वास्तु न केवल घर के निर्माण के बारे में है, बल्कि छोटी-छोटी चीजों और उनके रखरखाव तक भी फैला हुआ है? आज हम घर में पानी के नल से जुड़े वास्तु टिप्स पर चर्चा करेंगे। यदि घर में पानी का नल लीक करता है या गलत तरीके से रखा गया है, तो यह वास्तु दोषों में योगदान दे सकता है।

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नल का टपकना होता है अशुभ:
वास्तु के अनुसार, अगर आपके घर के किसी हिस्से में पानी का नल टपकता है तो यह अशुभ माना जाता है। टपकता हुआ नल अनावश्यक खर्च का संकेत देता है। खासकर अगर किचन का नल टपक रहा हो तो इसे वास्तु में अनुकूल नहीं माना जाता है। चूँकि रसोई वह जगह है जहाँ आग और पानी एक साथ रहते हैं, इससे परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर असर पड़ने वाली समस्याएँ, व्यावसायिक नुकसान या वित्तीय असफलताएँ हो सकती हैं। इसके अलावा, वरुण देव (जल के देवता) का दोष अनावश्यक पानी की बर्बादी से जुड़ा है, और यह घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इसलिए, ऐसी परेशानियों से बचने के लिए सलाह दी जाती है कि घर में लीक हो रहे किसी भी नल को तुरंत ठीक करा लें।

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पानी के नल की सही दिशा:
वास्तु में हर तत्व की एक निश्चित दिशा निर्धारित की गई है। घर में पानी की बात करें तो यह आदर्श रूप से उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर आपके घर में पानी की टंकी या पानी से संबंधित कोई चीज है तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा में पानी का नल लगाने से घर की समस्याएं दूर हो जाती हैं और समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि पानी का नल सही दिशा में रखा गया है, तो यह घर में चंद्रमा के प्रभाव को मजबूत करता है, जिससे समग्र सकारात्मक ऊर्जा में योगदान होता है।

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