हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत महत्व दिया जाता है। कोई भी छोटा से छोटा गांव वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार किया जाता है। वास्तु शास्त्र में मानव से जुड़ी हर छोटी से छोटी की को लेकर कई प्रकार के नियम बताएं। आज इस लेख के माध्यम से हम बात करने वाले है घर में बनाए जाने वाले आंगन के बारे में। आजकल फ्लैट्स में रहने का चलन काफी बढ़ गया है और फ्लैट्स में आंगन बहुत कम ही देखने को मिलते हैं या नहीं भी मिलते हैं। हालांकि बालकनी जरूर नजर आती है। लेकिन पहले या अभी भी गांवों में या सैपरेट घरों में आंगन रखने का चलन है। जहां सूरज की रोशनी आती हो। जहां घर के बच्चे आपस में खेल सके। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताते है की घर में आंगन में बनाए जाने वाले आंगन कि सही दिशा के बारे में विस्तार से -

* आप घर के बीचों-बीच भी आंगन का निर्माण इस तरह करवा सकते हैं कि घर के कमरे व बाकी जगह इसके चारों ओर बनवाए जा सके। बस ध्यान रहे कि सूरज की उचित रोशनी वहां बनी रहे।

* वैसे तो घरों में आंगन दरवाजे के अंदर घुसते ही पूरे चौक में होता है, लेकिन कुछ लोग जगह की कमी के चलते घर के एक हिस्से में आंगन बनवाते हैं। इसके लिये घर की पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इस दिशा में आंगन बनवाने से सूरज की रोशनी बनी रहती है।

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