हिंदू धर्म में हर पूजा में केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। केले के पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि केले के पेड़ पर भगवान विष्णु और बृहस्पति का वास होता है। घर के चारों ओर केले का पेड़ लगाने से सुख-समृद्धि आती है। लेकिन, वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि अगर केले का पेड़ घर-परिसर में गलत दिशा में लगाया जाए तो घर में परेशानी बढ़ सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार केला लगाने की एक विशिष्ट दिशा और नियम है, यदि इसका पालन नहीं किया गया तो व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। इंदौर के ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित कृष्णकांत शर्मा केले के पेड़ से जुड़ी कुछ बातें बताते हैं।

इस दिशा में ना लगाएं केले का पेड़-

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप अपने घर के बगीचे में केले का पेड़ लगाने जा रहे हैं, तो इसे कभी भी पूर्व या दक्षिण दिशा के दक्षिण-पूर्व कोने में यानि बगीचे के बीच में न लगाएं। इसके अलावा वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि केले का पेड़ पश्चिम दिशा में लगाना उचित नहीं है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार के सामने केले का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। इसके अलावा यह घर में सुख-समृद्धि के मार्ग में भी बाधक बनता है।

अगर आप अपने घर के बगीचे में केले का पेड़ लगा रहे हैं, तो आपको एक बात याद रखनी चाहिए कि आपको कभी भी इसके आसपास कांटेदार पेड़ नहीं लगाने चाहिए। केले के पेड़ के पास कभी भी गुलाब का पौधा न लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में कलह और कलह का माहौल बनता है और घर के सदस्यों के रिश्ते में दरार पैदा होती है।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार केले के पेड़ पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और बृहस्पति निवास करते हैं। अगर आप केले के पेड़ को कभी सूखने नहीं देंगे तो यह आपके लिए सुख-समृद्धि के द्वार खोल सकता है। इसके अलावा एक बात हमेशा याद रखें कि गलती से केले के पौधे पर गंदा पानी न डालें।

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