मधुमेह आजकल एक आम बीमारी हो गई है। मधुमेह कई कारणों से हो सकता है। कई बार यह हमारी जीवनशैली और खान-पान में गड़बड़ी के कारण भी होता है तो कभी हम आनुवंशिक रूप से भी इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। हालांकि इसी बीच डायबिटीज पर हुई एक स्टडी ने बड़ा खुलासा किया है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि अकेलापन महसूस करना अक्सर टाइप -2 मधुमेह का कारण होता है। डायबेटोलोजिया (यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज) में प्रकाशित शोध के अनुसार, शोध ने अकेलेपन और टी 2 डी के विकास के जोखिम के बीच संबंध का परीक्षण करने की भी मांग की, साथ ही यह भी कि क्या यह अवसाद को बढ़ाता है। क्या अनिद्रा भी एक भूमिका निभाती है?


बदलते जीवन के माहौल ने मानव जीवन में बढ़ते तनाव के कारण टाइप 2 मधुमेह के विकास की ओर इशारा किया है। अकेलापन एक मानव रोग है जो कभी-कभी लंबे समय तक रहता है और जिसके कारण कई अन्य बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अकेले रहना शरीर की तनाव प्रक्रिया को सक्रिय करता है। यह अनुमान लगाया गया है कि यह अकेलेपन के कारण टाइप 2 मधुमेह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

शोध में यह भी सामने आया है कि अकेलेपन के कारण खाने का व्यवहार बदल जाता है। लोगों में बड़ी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाता है और यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। एक पिछले शोध में पाया गया था कि अकेलापन मीठा पेय के सेवन को बढ़ाता है, जिससे मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है।


हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर अकेलेपन के प्रभाव का अनुमान HUNT2 डेटा सर्वेक्षण से लगाया गया था। इसे जानने के लिए कुल चार पैमानों का निर्धारण किया गया। सर्वेक्षण में देखा गया कि क्या कोई व्यक्ति 2 सप्ताह में अकेलापन महसूस करता है और यदि हां, तो इसका स्तर क्या था और इसका क्या प्रभाव पड़ा।

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