Travel Tips: गणेश चतुर्थी के खास अवसर पर गणपति बप्पा के दर्शन करने के लिए इन अनोखे मंदिरों जानें का करे प्लान !
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आपको बता दे की गणेश चतुर्थी का त्योहार इस बार आने वाली 19 सितंबर को मनाया जाने वाला है वैसे इसका शुभ मुहूर्त 18 सितंबर की दोपहर से शुरू होगा। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बप्पा या गणपति के नाम से भी पुकारा जाता है जब भी गणेश उत्सव आता है तब गणेश जी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ काफी देखने को मिलती है। मंदिरों में दर्शन और पूजा पाठ करने के लिए लोग पहुंचते हैं और इनमें चमत्कार तक देखने को भी मिलते हैं। गणेश उत्सव के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं जिनको बहुत ही अनोखा माना जाता है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते है इन मंदिरों के बारे में विस्तार से -
* त्रिनेत्र गणेशजी, राजस्थान :
आपको बता दे कि यह मंदिर राजस्थान की चर्चित टूरिस्ट डेस्टिनेशन रणथंभौर नेशनल पार्क के नजदीक में मौजूद है इस मंदिर में एक खासियत यह बताई जाती है कि यहां पर दर्शन करने के लिए आने से पहले लोग गणेश जी को चिट्टियां भेजते हैं। इन चीटियों को खुद डाकिए पहुंचना है और मनोकामना पूर्ण होने पर लोग यहां आकर पूजा पाठ करते हैं। इस मंदिर का इतिहास लगभग 800 साल पुराना है और यह पिंक सिटी जयपुर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। आप यहां पर खुद के वहां से भी जा सकते हैं इसके अलावा ट्रेन से जाने वाले जयपुर पहुंचकर यहां से दूसरे साधन से भी पहुंच सकते हैं।
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* गढ़ गणेश मंदिर, जयपुर :
बता दे कि इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा एक इंसान के रूप में मौजूद है। राजस्थान के जयपुर की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर में भगवान गणेश की सूंड वाली प्रतिमा नहीं है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना राजस्थान के एक राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन, नई दिल्ली या फिर पुरानी दिल्ली से जयपुर की ट्रेन आसानी से मिल जाएगी। बता दे की जयपुर से कई साधन सवाई माधोपुर के लिए भी जाते हैं
* कनिपकम गणेश मंदिर, आंध्र प्रदेश :
आपको बता दे कि इस मंदिर में गणपति बप्पा की मूर्ति पानी में मौजूद रहती है इसलिए यहां पर इन्हें पानी के देवता के नाम से भी पूजा जाता है। ऐसा भी देखा गया है कि यहां पर भगवान गणेश की मूर्ति का कद हर साल बढ़ रहा है। इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनवाया गया था।
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* चिंतामणि गणेश मंदिर, इंदौर :
इस मंदिर का इतिहास लगभग 300 साल पुराना बताया जाता है यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां गर्भगृह में एक साथ दो गणपति विराजित है। इसके अलावा इस मंदिर से एक अनूठी पढ़ता भी जुड़ी हुई है बता दे कि श्रद्धालुओं का मानना है कि यह हल्दी की गांठ चढ़ाने से आपकी मनोकामना जल्दी ही पूरी होती है और यह परंपरा काफी पुरानी भी है इस मंदिर में भगवान गणेश के अलावा हनुमान जी, राम सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा भी मौजूद है।