देश में गर्मी ने लोगो का हाल बेहाल कर दिया हैं, ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ी इलाकों में जाते हैं, अगर बात करें भारत कि तो इस समय तीर्थयात्राओं में गतिविधि बढ़ जाती है, जिसमें भारत और विदेश दोनों से श्रद्धालु आते हैं। इन तीर्थयात्राओं में, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र की चार धाम यात्रा विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसमें प्रतिदिन भक्तों की रिकॉर्ड-तोड़ भीड़ आती है। इसके साथ ही, उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में आदि कैलाश या ओम पर्वत यात्रा भी शुरू होती है, जो हर साल हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है।

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आदि कैलाश, जिसे ओम पर्वत के नाम से भी जाना जाता है, महत्वपूर्ण पौराणिक महत्व रखता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, महादेव (भगवान शिव) यहां माता पार्वती और अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेय के साथ निवास करते हैं। चार धाम यात्रा की तरह, आदि कैलाश की यात्रा भी अपनी कठिनाई के लिए जानी जाती है।

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पंजीकरण और आवश्यक अनुमतियाँ

आदि कैलाश यात्रा पर जाने से पहले, तीर्थयात्रियों को एक अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जो 13 मई को पहले जत्थे के रवाना होने के साथ शुरू हुई थी। यहां आवश्यक चरण और आवश्यक अनुमतियां दी गई हैं:

मेडिकल क्लीयरेंस: तीर्थयात्रियों को एक मेडिकल क्लीयरेंस प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्च ऊंचाई वाला इलाका शारीरिक और मानसिक फिटनेस की मांग करता है। कुछ चिकित्सीय स्थितियों या ऊंचाई से डर वाले व्यक्तियों को यात्रा से अयोग्य ठहराया जा सकता है।

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पंजीकरण की प्रक्रिया:

आवेदन जमा करना: कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) के माध्यम से आवेदन भरें।

आवश्यक दस्तावेज़: एक पुलिस सत्यापन प्रमाणपत्र, अधिसूचित क्षेत्र परमिट, चिकित्सा निकासी प्रमाणपत्र और एक क्षतिपूर्ति बांड जमा करें।

जमा करने के तरीके: दस्तावेज़ crckmvn@gmail.com पर ईमेल किए जा सकते हैं या प्रबंधक, केंद्रीय आरक्षण केंद्र ओक पार्क हाउस, मल्लीताल, नैनीताल, उत्तराखंड -2630001 को डाक के माध्यम से भेजे जा सकते हैं।

अतिरिक्त जानकारी और पूछताछ

आदि कैलाश यात्रा के संबंध में किसी भी पूछताछ के लिए, तीर्थयात्री 8650002520 पर हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम की आधिकारिक वेबसाइट टूर पैकेज, उपलब्ध सीटों और अन्य प्रासंगिक विवरणों पर व्यापक जानकारी प्रदान करती है।

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