केदारनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक पूजनीय और महत्वपूर्ण स्थल हैं, जहां हर साल लाखों लोग घूमने जाते हैं, लेकिन अगर हम बात करें हाल ही के सालों कि तो युवाओं के बीच में केदारनाथ घूमने में जिज्ञासा जताई हैं,काफी ऊँचाई पर स्थित, मंदिर की पहुँच मौसमी मौसम की स्थिति पर अत्यधिक निर्भर है। अप्रैल से नवंबर तक द्वार खुले रहते हैं, और यदि आप केदारनाथ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अच्छी तरह से तैयार होना बहुत ज़रूरी है। आइए जानते हैं इसके बारे में-

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कब जाएँ

कठोर सर्दियों और मानसून के मौसम से बचें: मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे यात्रा खतरनाक हो जाती है। सर्दियाँ कठोर और ख़तरनाक हो सकती हैं। सुरक्षित यात्रा के लिए गर्मियों के महीनों में अपनी यात्रा की योजना बनाएँ।

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सर्दियों के कपड़े पैक करें: भले ही आप गर्मियों में यात्रा कर रहे हों, पहाड़ों में तापमान अप्रत्याशित रूप से गिर सकता है। सर्दियों के कपड़े ले जाना उचित है।

यात्रा के लिए ज़रूरी चीज़ें

मौसम की तैयारी: पहाड़ों में मौसम अप्रत्याशित हो सकता है। हमेशा एक छाता और रेनकोट साथ रखें।

यात्रा दस्तावेज: पहचान के लिए अपना यात्रा कार्ड और आधार कार्ड साथ रखना सुनिश्चित करें।

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यात्रा युक्तियाँ

यात्रा समय: गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पैदल चलने में आमतौर पर 5-6 घंटे लगते हैं। थकावट से बचने के लिए, स्थिर गति से चलें और सुबह जल्दी अपनी यात्रा शुरू करें।

आराम और वापसी: अपने दर्शन के बाद केदारनाथ में रात भर आराम करने की योजना बनाएं। अंधेरे में यात्रा करने से बचने के लिए अगली सुबह गौरीकुंड के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करें।

गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक यात्रा: यदि आप उसी दिन लौटने की योजना बनाते हैं, तो आप देर शाम या रात में गौरीकुंड पहुँच सकते हैं। रात की ट्रेनों में सीट सुरक्षित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, और गौरीकुंड में ठहरने की जगह सीमित है।

बच्चों की सुरक्षा: अप्रत्याशित मौसम और कम ऑक्सीजन के स्तर के कारण 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को साथ न ले जाने की सलाह दी जाती है, जो उनके स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।

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