बनारस के बारे में हम सभी अच्छी तरह जानते हैं और हम में से अधिकतर लोगों के फेवरेट ट्रैवल डेस्टिनेशन में बनारस का नाम जरूर शामिल होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि बनारस में क्रूज में बैठने का आनंद ले पाए तो कैसा महसूस होगा जी हां अब बहुत जल्द ही बनारस में क्रूज शिप चलने वाली है। इस जगह पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनारस से असम के डिब्रूगढ़ जिले के बोगीबील तक इस क्रूज सेवा का आयोजन किया जाएगा। यह ग्रुप सेवा जनवरी 2023 में शुरू हो जाएगी और यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रूज शिप होने वाला है। जो सिर्फ 50 दिनों में ही 40 हजार किलोमीटर तक का सफर तय कर सकेगा।


* क्रूज सेवा का उद्देश्य रिवर शिपिंग को बढ़ावा देना :

बनारस में स्कूल सेवा को शुरू करने का उद्देश्य रिवर शिपिंग को बढ़ावा देना भी है। बनारस के केंद्रीय मंत्री के अनुसार रिवर शिपिंग के क्षेत्र में बहुत ही संभावनाएं हैं और सरकार इस दिशा में काम भी कर रही है। नदियों पर यात्री यातायात बढ़ावा देने के साथ क्रूज सेवाएं यहां पर आने वाले पर्यटकों को बहुत पसंद आएगी और यह सेवा यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद भी होगी।


* ये क्रूज 27 नदियों को करेगा कवर :

आने वाली 10 जनवरी को बनारस के लिए यह क्रूज रवाना होगा और यह कोलकाता और बांग्लादेश के ढाका से होते हुए 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ जिले के बोगीबील में पहुंचेगा। बनारस के मंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने कहा कि गंगा विलास क्रूज अपने 50 दिनों की सबसे ज्यादा लंबी यात्रा में वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक कुल 27 नदियों को पार करेगा।


* ये क्रूज इस मॉडल पर चलेगा :

आपको बता दें कि बनारस में चलने वाला यह क्रूज PPP मॉडल पर चलने वाला है। बनारस डिब्रूगढ़ क्रूज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चलाए जाने की योजना है। इस क्रूज सेवा के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और अंतरा लक्जरी रिवर क्रूज तथा जेएम बक्सी रिवर क्रूज ने मेमोरेंडम ऑप अंडरस्टैंडिंग पर साइन भी किए हैं। और बात की जाए इस क्रूज के टिकिट की तो इसका निर्धारण क्रूज चलाने वाली कंपनी ही तय करेगी।

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