हाईकोर्ट नैनीताल ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के राज्य कैबिनेट के फैसले पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार को पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सात जुलाई को कोर्ट में शपथ पत्र पेश करने को कहा गया है।


याचिकाकर्ताओं ने शपथ पत्र को लेकर कोर्ट में अलग-अलग आपत्तियां जाहिर कीं। सच्चिदानंद डबराल के अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट को बताया कि शपथ पत्र भ्रामक है। इसमें यह उल्लेख नहीं है कि गौरी कुंड में नहाने की अनुमति है या नहीं। तीन जिलों के लोगों को यात्रा में जाने की अनुमति के साथ अन्य लोग लिखना भी भ्रमित करता है। तीन जिलों में मेडिकल की सुविधाओं के बारे में कुछ नहीं लिखा गया है। इसके अलावा एंबुलेंस और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी स्थिति साफ नहीं है।

आपको बता दें कि सीएम तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में पहले चरण में उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के निवासियों को मंदिरों में 01 जुलाई से जाने की अनुमति दी है। रुद्रप्रयाग जिले के लोग केदारनाथ धाम के दर्शन को जा सकेंगे, जबकि चमोली जिले के यात्रियों को बदरीनाथ धाम में दर्शन करने की अनुमति दी गई है।

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