माता सती के इन शक्तिपीठों के दर्शन के लिए वैसे तो साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के दौरान इन शक्तिपीठों की रौनक देखते ही बनती है। हिंदू धर्म के शास्त्रों में माता सती के 51 शक्तिपीठों का जिक्र मिलता है,देवी के इन 51 शक्तिपीठों में से आपने भी कई स्थानों के दर्शन किए होंगे लेकिन इनमें ऐसे 4 रहस्यमयी शक्तिपीठ भी शामिल हैं जिनके बारे में अधिकांश लोग जानते ही नहीं है और ना ही इन शक्तिपीठों से जुड़े रहस्य को कोई जान पाया है।

आज हम आपको माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी अज्ञात हैं और उनके रहस्य आज तक कोई भी नहीं जान पाया है।

माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठ -

1- कालमाधव शक्तिपीठ

51 शक्तिपीठों में शामिल कालमाधव शक्तिपीठ को लेकर मान्यता है कि यहां माता सती के बाएं कूल्हे गिरे थे. कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद के नाम से विराजमान हैं. हालांकि यह शक्तिपीठ किसी रहस्य से कम नहीं है और यही वजह है कि यह स्थान आज भी अज्ञात है.


2- रत्नावली शक्तिपीठ

रत्नावली शक्तिपीठ को लेकर मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती का कंधा गिरा था. कहा जाता है कि माता का यह अंग मद्रास के आस-पास गिरा था लेकिन आज भी इसकी सही स्थिति को लेकर रहस्य बरकरार है. यही वजह है कि इस शक्तिपीठ के बारे में आज भी लोग नहीं जानते हैं.


3- पंचसागर शक्तिपीठ

माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठों में शुमार पंचसारग शक्तिपीठ को लेकर कहा जाता है कि इस स्थान पर माता सती का निचला जबड़ा गिरा था. यहां देवी सती को वरही कहा गया है और इसका जिक्र शास्त्रों में भी मिलता है लेकिन यह शक्तिपीठ किस स्थान पर है आज भी लोग इससे अंजान हैं.


4- लंका शक्तिपीठ

माता के 51 शक्तिपीठों में लंका शक्तिपीठ का भी वर्णन मिलता है लेकिन इसकी वास्तविक स्थिति को लेकर आज भी रहस्य बरकरार है. कहा जाता है कि इस स्थान पर देवी सती का कोई गहना गिरा था और इस पावन स्थल पर माता सती को इंद्राक्षी और शिव को रक्षेश्वर कहते हैं.


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