हर दिन, अनगिनत व्यक्ति व्यापक रेलवे नेटवर्क के माध्यम से भारत के विशाल विस्तार को पार करते हैं। भारतीय रेलवे, जिसे अक्सर देश की जीवन रेखा कहा जाता है, विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि ट्रेन यात्रा की सुविधा निर्विवाद है, लेकिन भीड़भाड़ वाली ट्रेनों की चुनौती अभी भी बनी हुई है। कई यात्री पहले से ही अपनी सीटें सुरक्षित कर लेते हैं, लेकिन उन्हें योजनाओं में बदलाव या अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण टिकट रद्द करना पड़ता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारतीय रेलवे ऐसे मामलों पर रद्दीकरण शुल्क लगाता है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि ट्रेन टिकट रद्द करने पर कितना रिफंड मिलता हैं-

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भारतीय रेलवे का महत्व:

  • भारतीय रेलवे का देश की कनेक्टिविटी में अहम योगदान है।
  • अपने व्यापक नेटवर्क के कारण इसे अक्सर भारत की जीवन रेखा कहा जाता है।

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अत्यधिक भीड़ वाली ट्रेनें:

  • कई ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ होती है, जिससे यात्रियों को पहले से ही सीटें आरक्षित करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

टिकट रद्दीकरण और शुल्क:

  • जब यात्रियों को अपने टिकट रद्द करने की आवश्यकता होती है तो भारतीय रेलवे रद्दीकरण शुल्क लेता है।
  • रद्दीकरण शुल्क यात्रा की श्रेणी और रद्दीकरण के समय के आधार पर भिन्न होता है।

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धनवापसी नीतियाँ:

  • यदि कन्फर्म टिकट ट्रेन प्रस्थान से 48 घंटे पहले रद्द किया जाता है:
  • एसी फर्स्ट क्लास और एग्जीक्यूटिव क्लास: 240 रुपये प्रति यात्री।
  • सेकेंड एसी: 200 रुपये प्रति व्यक्ति।
  • थर्ड एसी चेयर या थर्ड एसी इकोनॉमी: 180 रुपये प्रति व्यक्ति।
  • स्लीपर क्लास: 120 रुपये प्रति टिकट।
  • द्वितीय श्रेणी: 60 रुपये प्रति टिकट।

प्रस्थान से 48 से 12 घंटे पहले रद्दीकरण शुल्क:

  • टिकट राशि का 25 प्रतिशत रद्दीकरण शुल्क के रूप में लिया जाता है।

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