इंटरनेट डेस्क। पुराण और शास्त्रों में वर्णित हर देवी-देवता का अपना अलग महत्व है। ये भगवान और देवी-देवता आपको ज्ञान, बुद्धि, धन, धर्म, शक्ति, सजा और अन्य चीज़ें प्रदान करते है। हिन्दू धर्म में हनुमान जी की पूजा साहस, शक्ति और भगवान राम की निस्वार्थ सेवा करने वाले भक्त की रूप में की जाती है। वहीं शास्त्रों के अनुसार शनि देव न्याय के देवता है जो कि लोगों को उनके कर्मों के अनुसार शुभ और अशुभ फल प्रदान करते है।

वेदों के अनुसार ये दोनों ही देवता भगवान शिव से संबंधित है। जहां हनुमान जी को भगवान शिव का 10वां अवतार माना जाता है वहीं शनि देव ने भगवान शिव की कड़ी तपस्या कर के ही सभी शक्तियां प्राप्त की थी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को समर्पित सावन के महीने में इन दोनों की पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते है और उस व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग शनि की साढ़े साती से पीड़ित है, उनको सावन के महीने में हर मंगलवार को हनुमान जी को सिन्दूर और गाय के घी से बने बेसन के लड्डू चढाने चाहिए। ऐसा करने से उनके जीवन में इस दोष का प्रभाव कम होता है। इसके अलावा, हर शनिवार को शनि देव को तेल और तिल चढाने से पहले आपको भगवान हनुमान की पूजा करनी चाहिए और पीपल पेड़ के नीचे घी का दीया भी जलाना चाहिए। ऐसा करने से साढ़े साती का प्रभाव शांत होता है।

साथ ही आपको सावन के महीने में हर मंगलवार को हनुमान जी को काले धागे में बंधे हुए 8 बरगद के पेड़ के पत्तों की माला भी चढ़ानी चाहिए। पान के पत्ते में लौंग लपेटकर हनुमान जी की पूजा करने से आपको शनि देव के नकारत्मक प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है।

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