रसोई में मौजूद चकला बेलन भी बन सकते हैं वास्तुदोष का कारण, इस बात से रहे सावधान
वास्तुशास्त्र के अनुसार चकला-बेलन घर परिवार की समृद्धि का कारक होते हैं,इसलिए इन्हें खरीदते समय हमेशा सावधानी से काम लेना चाहिए। आइए जानते हैं परिवार की खुशहाली और घर में धन-धान्य की आपूर्ति बनाए रखने के लिए किस तरह के चकल बेलन का प्रयोग किया जाना चाहिए और क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
चकला खरीदते समय उसके रंग का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, काले और नीले रंग का चकला कभी ना लें। सफेद, पीले, भूरे और हरे रंग के चकले को वास्तु की नजर में काफी अच्छा माना गया है।
धातु की बात करें तो लकड़ी के चकला बेलन को सबसे उत्तम माना गया है,वहीं स्टील से बने चकला-बेलन को शनि से प्रभावित करार दिया गया है।
अगर आपका चकला या बेलन संगमरमर का है तो इसे चंद्रमा से प्रभावित माना जाता है, इसका उपयोग करने से पूर्व इसपर नमक का छिड़काव अवश्य करें।
रोटी या पूरी बेलने के लिए कभी भी सीधे तौर पर चकले पर तेल ना लगाएं,तेला का संबंध शनि के साथ है, इसलिए ऐसा कदापि ना करें।