श्रीकृष्ण की लीलाओं से आम जनमानस अच्छी तरह से परिचित है। लेकिन उनसे जुड़ी गूढ़ बातों को बहुत कम लोग जानते हैं। कभी आपने सोचा है भगवान श्रीकृष्ण भी एक बेहतरीन मैनेजमेंट गुरु थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में हर परिस्थिति का डटकर सामना किया तथा विजयश्री हासिल की। इस स्टोरी में हम आपको श्रीकृष्ण से जुड़ी वह बातें बताने जा रहे हैं, जिनका अनुसरण कर आप भी अपने जीवन में सफलता का स्वाद चख सकते हैं।

1- हर भूमिका के लिए तैयार
भगवान श्रीकृष्ण हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते थे। यह उनकी सबसे प्रमुख विशेषता थी। इसीलिए जरूरत पड़ने पर महाभारत में वह अर्जुन के सारथी बन गए थे।

2- सभी के लिए समान सोच
श्रीकृष्ण ने कभी किसी के लिए ऊंच-नीच का भेद नहीं रखा। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती इसकी मिसाल है। श्रीकृष्ण से यही सीख लेनी चाहिए कि हमें हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए।

3- योजना बनाना जरूरी
भगवान श्रीकृष्ण किसी भी काम को पूरा करने से पहले उसकी योजना पहले से ही बना लेते थे। महाभारत में घटित हुई कई घटनाएं इसका प्रमाण हैं। ​सच है कि बिना किसी प्लानिंग के आप कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं।

4- व्यर्थ की चिंता मत करो
श्रीकृष्ण ने कहा है व्यर्थ की चिंता करने से कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि केवल कर्म पर हमारा अधिकार है। श्रेष्ठ कर्म आपको सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति कराएगा। गलतियों से सीखकर आगे बढ़ने का नाम ही जीवन है।

5- हमेशा खुश रहना
भगवान श्रीकृष्ण ने इंसान को यह सीख दी है कि उसे हर परिस्थिति में खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। मुस्कुराहट में बड़ी शक्ति है। इसके बलबूते विकट परिस्थितियां भी आसान हो जाती हैं।

6- अनुशासन का महत्व
श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में इस बात पर विशेष जोर दिया है कि मनुष्य के जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है। अर्जुन के सामने वह सदैव यह बात दोहराते रहते थे। इंसान अनुशासन के बल पर ही सफलता हासिल करता है।

7- खुद पर नियंत्रण
भगवान श्रीकृष्ण कहा करते थे कि इंसान को खुद पर नियंत्रण होना चाहिए। बिना इसके मनुष्य का विनाश हो जाता है। एक बार श्रीकृष्ण ने भीष्म को मारने के लिए रथ का पहिया उठा लिया था, लेकिन समय रहते उन्होंने उसे रोक भी लिया। आमतौर पर व्यक्ति क्रोध में ही अपना नियंत्रण खो देता है।

8- खुद पर रखें भरोसा
पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत युद्ध शुरू होने वाला था, ऐसा देख अर्जुन ने खुद पर से नियंत्रण खो दिया। तब भगवान कृष्ण ने कहा कि खुद पर भरोसा रखो, सब कुछ ठीक हो जाएगा। हर मनुष्य अपने आप में सक्षम होता है। बस उसे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

9- नि:स्वार्थ प्रेम
जब भी प्रेम की मिसाल दी जाती है तो श्रीकृष्ण-राधा के प्रेम का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। राधा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कि वह उनसे विवाह क्यों नहीं करना चाहते हैं? तो भगवान श्रीकृष्ण ने राधा को बताया कि कोई अपनी ही आत्मा से विवाह कैसे कर सकता है? मतलब साफ है, श्रीकृष्ण और राधा को विवाह की आवश्यकता ही नहीं थी। उनके प्रेम को शादी के बंधन नहीं चाहिए था।

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