आज के समय में नारियों पर अत्याचार काफी ज्यादा बढ़ गया है, और कही न कही इसका इतिहास से काफी पुराना रिस्ता रहा है। शास्त्रों और पुराणों में कई कहानियां औए कथाएं है जो नारियों पर हुए शोषण और अत्याचार को बयान करती है। ऐसी ही पौराणिक कथा आज हम आपको बताने जा रहे है। इस कहानी का जिक्र महाभारत में है।

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ये कहानी है विशवामित्र के शिष्य गालव की है जो अपने गुरु विश्वामित्र को गुरु-दक्षिणा में 800 श्वेत अश्व भैंट देना चाहता है। लेकिन उसके पास देने के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में वो राजा यताति के पास जाता है लेकिन राजा के पास देने के लिए श्वेत अश्व तो नहीं होते तब वो अपनी पुत्री माधवी को भैंट स्वरूप गालव को सौंप देता है।

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बस यही से शुरू होती है माधवी की बर्बादी की कहानी। ऋषि गालव ने माधवी को तीन राजाओं को एक-एक वर्ष के लिए भैंट कर दिया ताकि हर राजा से माधवी के बदले 200-200 घोड़े ले सके। गालव को कुल 800 घोड़े देने थे । ऐसे में उसे तीनो राजाओ 600 घोड़े प्राप्त होते है। इन तीनों राजाओं ने माधवी के साथ यौन शोषण करके संतान की प्राप्ति की । उसके बाद उसे वापस गालव को सौंप दिया।

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