कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस भी अपने पैर पसर रहा है और कुछ राज्यों ने इसे महामारी तक घोषित कर दिया है। ब्लैक के बाद वाइट और येलो फंगस के मामले भी दिख रहे हैं। इन फंगस की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ रहा है। लेकिन ये बात आप नहीं जानते होंगे कि कुछ फंगस भले ही जिंदगी के लिए काल हो लेकिन कुछ फंगस हमारे लिए बेहद जरूरी है। यानी ये बात साफ है कि हर फंगस आपके लिए नुकसानदायक नहीं है। ऐसी एक फंगस पहाड़ों पर पाई जाती है जिन्हे खरीदने के लिए लोग लाखों रुपए तक खर्च कर देते हैं।

ऐसे में जानते हैं कि वो कौनसी फंगस है, जो इतनी महंगी है और वो भारत में कहां पाई जाती है। इन फंगस का क्या काम होता है और ये इतनी महंगी क्यों होती है? इसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

इस फंगस का नाम है कैटरपिलर फंगस है। इसे कीड़ा जड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसे यारशागुंबा या हिमालयम वियाग्रा के नाम से जानते हैं। दिखने में कीड़े की तरह होती है। ये जंगली मशरूम है जो खास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उसके ऊपर पनपता है। इसे पाने के लिए लाखों रुपए तक लोग खर्च कर देते हैं। भारत में नहीं, इसकी ज्यादा डिमांड चीन या नेपाल में होती है।

कहां होती है ये फंगस?
कैटरपिलर फंगस 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ही पाई जाती है। यह भारत के अलावा नेपाल, चीन और भूटान में हिमालय के पहाड़ी इलाकों में मिलती है। भारत में उत्तराखंड में पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिले में भी यह फंगस होती है।

क्यों है इतनी महंगी?
ये महंगी इसलिए होती है क्योकिं इसे कैंसर की दवा के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है। चीन में इसका इस्तेमाल अलग अलग तरह से किया जाता है। इसके इस्तेमाल से यौनोत्तेजक दवा भी बनाई जाती है। हिमालय वियाग्रा का इस्तेमाल ताकत बढ़ाने की दवाओं समेत कई कामों में होता है। ये इम्युनिटी भी बढ़ाती है।


ओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कीमत 20 लाख रुपये प्रति किलो तक है। चीन और हांगकांग में इसकी मांग सबसे अधिक है। बीते 15 सालों में इसकी उपलब्धता में 30 फीसदी तक कमी आ चुकी है इसलिए अब अतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) ने इसे ‘रेड लिस्ट’ में डाल दिया है।

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