लहसुन की एक लौंग को तिल में भूनकर उस तेल की बूंदे कान में डालने से कान का दर्द और कान का दर्द ठीक हो जाता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए अदरक के रस को थोड़ा गर्म किया जाता है और कान में डाला जाता है। कान में शहद की एक बूंद लगाने से कान के दर्द के साथ-साथ टीके से राहत मिलती है।

हींग को तिल के तेल में मिलाकर उबालकर उस तेल की एक बूंद कान में डालने से दर्द से राहत मिलती है। तुलसी के रस की बूंदें कान में डालने से कान का दर्द और खराश दूर होती है और कान से निकलने वाला मवाद भी रुक जाता है। प्याज के रस के साथ-साथ शहद मिला कर इस रस की बूंदें कान में डालने से कान दर्द के साथ-साथ दर्द भी गायब हो जाता है।

नागवार के पत्तों का रस गर्म करके इस रस की बूंदें कान में डालने से कान का दर्द और दर्द गायब हो जाता है। आम के पत्तों के रस को गर्म करके कान के दर्द और दर्द से छुटकारा पाने के लिए इसकी बूंदें कान में डालें। फुलाए हुए फिटकरी और हल्दी को इकट्ठा करके कान में डालने से अगर कान पका हो और टीका निकल जाए तो वह नष्ट हो जाएगा।

आधा कटोरी पानी में सौंफ को उबालें। इस पानी की भाप को गले में डालने से कान में बहरापन, टिन्निटस और दाद खत्म हो जाता है। थोड़ी सी राई को तिल में निचोड़ें और सूजे हुए कान पर लगाएं। यदि कान कीड़ों से संक्रमित है, तो इसे फर्न ऑयल की बूंदों को लगाकर ठीक किया जा सकता है।सफेद प्याज के रस की बूंदों को दिन में दो बार लगाने से बहरापन दूर होता है। यदि कान, ईयरवैक्स में टिक्कियाँ जैसे कीड़े हों तो शहद और तेल को मिलाकर कान में टपकाने से बहुत लाभ होता है।

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