हिन्दू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के जनमोत्स्व को 'कृष्ण जन्माष्टमी' के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में धरती पर अपना आंठवा अवतार लिया था। हर साल यह त्यौहार भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 2 और 3 सितम्बर को मनाया जाएगा।

जिस समय भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तब आकाश में रोहिणी नक्षत्र था और सूर्य सिंह राशि के और चन्द्रमा वृषभ राशि में था। इस तरह के सितारों की उपस्थिति में जन्मे जातक ना केवल अपने लिए बल्कि पूरे समाज के लिए बहुत भाग्यशाली होते है। शास्त्रों के अनुसार इस बार की जन्माष्टमी बहुत शुभ है क्योंकि इस बार भी ग्रहों की स्थिति ऐसी ही रहेगी। इस बार अष्टमी तिथि 2 सितम्बर के दिन रात 8:48 बजकर शुरू होगी और 3 सितम्बर के दिन शाम 7:19 तक रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 2 सितम्बर के दिन रात 8:48 बजकर शुरू होगी और यह नक्षत्र 3 सितम्बर के दिन रात 8:08 बजे तक रहेगा।

आप इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए जन्माष्टमी के दिन इन मंत्रों का जाप कर सकते है -

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

ॐ नमो: भगवते श्री गोविंदाय - इस मंत्र का जाप करना आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकता है।

क्रीं कृष्णाय: नमः - जन्माष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करना आपका हर दुःख और समस्या दूर सकता है।

श्री कृष्णाय शरणम् मम् - इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन की हर परेशानी दूर कर देता है।

इन मंत्रों के अलावा आप जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए 'कन्हैया स्तुति' का जाप भी कर सकते है।

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