भारतीय संस्कृति में इस बारे में भी बताया गया है कि हमें क्या खाना चाहिए, किसके हाथ का भोजन करना चाहिए, किस तरह खाना चाहिए। भोजन से जुड़े कई नियम हमारे शास्त्रों में बताए गए हैं। इन्ही में से एक है थाली के चारों ओर जल छिड़कना। लेकिन क्या आपको पता गई कि आखिर थाली के चारों ओर जल क्यों छिड़का जाता है? इसके बारे में ही आज हम आपको बताएंगे।

दरअसल थाली के चारों ओर जल इसलिए छिड़का जाता है जिस से कि कीटाणु या कीड़े मकोड़े थाली के पास ना आ सके। इसी कारण आचमन कर के थाली के चारों ओर घेरा सा बनाया जाता है। इसके अलावा खाना खाने से जुड़े कुछ और नियम जान लें।

- भोजन बनाने वाले और खाने वाले दोनों व्यक्ति का मन प्रसन्न रहना चाहिए।
- भोजन का निर्माण शुद्ध जगह पर होना चाहिए।
- माता, पत्नी और कन्या के द्वारा बनाया गया भोजन हमेशा वृद्धि करने वाला होता है।
– भोजन में से सबसे पहले रोटी बना कर किसी कुत्ते या गाय को खिलानी चाहिए।
- भोजन कैसा भी बना हो कभी भी भूलकर उसकी निंदा नहीं करना चाहिए। ईश्वर का प्रसाद समझकर उसे स्वीकार करना चाहिए।

भोजन से पहले पढ़ें ये मंत्र

अगर आप भोजन करने से पहले मंत्र पढ़ेंगे तो सभी देवी देवताओं समेत अन्न देवता का आशीर्वाद भी आप पर बना रहेगा।

भोजन मंत्र

ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।

ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्‌विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

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