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भारत सरकार नागरिकों, खास तौर पर आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के लोगों की सहायता के लिए कई योजनाएँ चलाती है। इनमें से एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना है, जो कम आय वाले परिवारों को अत्यधिक रियायती दरों पर आवश्यक खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। हालाँकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए, व्यक्तियों के पास वैध राशन कार्ड होना चाहिए, जो उन्हें सब्सिडी वाले राशन के लिए पात्र बनाता है। हाल ही में, सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए नए दिशा-निर्देश पेश किए हैं, जिसमें कहा गया है कि 1 नवंबर से उन लोगों को राशन वितरित नहीं किया जाएगा, जिन्होंने कुछ निश्चित आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है। यहाँ बताया गया है कि यह परिवर्तन क्यों लागू किया जा रहा है।

राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी का महत्व
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत, सभी राशन कार्डधारकों को ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) सत्यापन पूरा करना होगा। खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने पहले इस आवश्यकता के बारे में अधिसूचनाएँ जारी की थीं। इन सूचनाओं के बावजूद, कई राशन कार्डधारकों ने अभी तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है। ई-केवाईसी जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई है। यदि कोई कार्डधारक इस तिथि तक ई-केवाईसी पूरा करने में विफल रहता है, तो वह अगले महीने से राशन प्राप्त करने के लिए अयोग्य हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिन व्यक्तियों ने ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है, उनके नाम राशन रिकॉर्ड से हटा दिए जाएँगे, और ऐसे राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं।

ई-केवाईसी क्यों आवश्यक है?

बहुत से लोग इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि ई-केवाईसी अब अनिवार्य क्यों है। सरकार का उद्देश्य उन अयोग्य व्यक्तियों को हटाकर राशन कार्ड रिकॉर्ड को अपडेट करना है जो वर्तमान में लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसमें वे व्यक्ति शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो गई है, लेकिन उनके नाम राशन कार्ड पर बने हुए हैं, ताकि उनके परिवार को राशन मिलना जारी रहे। ई-केवाईसी के साथ, परिवार के राशन कार्ड पर सूचीबद्ध सभी सदस्यों को सत्यापन पूरा करना होगा। राशन कार्डधारक अपने नजदीकी खाद्य आपूर्ति विभाग कार्यालय में जाकर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

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