इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बात दे की दतिया में पीतांबरा माता का मंदिर है, जो देश के लोकप्रिय शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि जब भी कोई भक्त यहां श्रद्धा से माता से कुछ मांगता है तो वह उसे अवश्य प्राप्त होता है। दोस्तों आज हम आपको माता के मंदिर के बारे में कुछ विशेष बातें बता रहे है जो शायद आपको नहीं पता होगा। तो दोस्तों आप भी माता के मंदिर के बारे में जान लीजिये।

दोस्तों आपको बता दे की शिव और शक्ति मिलकर इस संसार की रचना करते हैं और उन्हीं की शक्ति से यह जगत चलता है।मां अपने कई स्वरूपों में प्रतिष्ठापित हैं। माता सती भारत में मौजूद 51 शक्तिपीठों में जागृत रूप से निवास करती हैं।

दोस्तों आपको बता दे की माता सती से बिछड़ने के कारण भगवान शिव दुख से भर गए और माता का शव लेकर भटकने लगे। ऐसे में ऋषि, देवता सभी परेशान हो गए और सृष्टि के संचालन के लिए उन्होंने भगवान श्री हरि विष्णु से प्रार्थना की। तब उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से माता के पार्थिव शरीर को चक्र से विभिन्न भागों में विभक्त किया।

पुराणों के अनुसार दोस्तों आपको बता दे की जहां भी माता की पार्थिव देह के भाग गिरे वह शक्तिपीठ कहलाया ऐसे 51 शक्तिपीठों का सृजन हुआ। इन शक्तिपीठ में एक शक्तिपीठ है दतिया का मां पीतांबरा शक्तिपीठ। दतिया जी हां। मध्यप्रदेश में माता का यह जागृत शक्तिपीठ है। यहां माता की तंत्रोक्त आराधना की जाती है। माता के दर्शन एक छोटी खिड़की के माध्यम से होते हैं यहां पर बड़े बड़े नेता भी आकर माथा टेकते हैं। माता को पीली वस्तुऐं बहुत प्रिय हैं।

Related News